मणिपुर में हिंसा लगभग डेढ़ साल से जारी है, लेकिन अब और भी ज्यादा खतरनाक खबर आ रही हैं. मणिपुर का अर्थ होता है आभूषणों की भूमि और भारत के लिए मणिपुर किसी आभूषण से कम नहीं मणिपुर वो है, जिसके नाम से पर्याय बनता है बॉक्सिंग का, मणिपुर वो है जहां पोलो का जन्म हुआ और मणिपुर को ही नॉर्थ ईस्ट से गेटवे ऑफ इंडिया भी कहा जाता है. लेकिन मणिपुर अब जल रहा है, जिसे जलाने के लिए बारूद भारत विरोधी शक्तियों के द्वारा दिया जा रहा है.
सरकार को ऐसे इंटेलिजेंस इनपुट्स मिले
हालांकि गृह मंत्रालय और भारत सरकार की कोशिश है कि सेना सीमा पर चौकस रहे, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी कि मणिपुर के लोग खुद को कुकी और मैथी या नागा से पहले भारतीय समझे. ताकि 28 तारीख ही नहीं बल्कि विरोधियों की हर एक साजिश को नाकाम किया जा सके. मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने हाल के समय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताया है कि सरकार को ऐसे इंटेलिजेंस इनपुट्स मिले हैं जिसमें कि पता चलता है कि 900 ट्रेंड कुकी मिलिटेंट्स म्यानमार से मणिपुर की सीमा में दाखिल हुए हैं और यह वर्तमान समय में मणिपुर के विभिन्न इलाकों में फैल गए हैं. ये जो 900 ट्रेंड कुकी मिलिटेंट्स हैं. ये 30- 30 की ग्रुप्स में अब म्यानमार से मणिपुर की सीमा में दाखिल हुए हैं. यह जो ट्रेंड कुकी मिलिटेंट्स हैं, ये ड्रोन बेस्ड बम्स मिसाइल्स अनेक रॉकेट्स तकनीक का इन्हें प्रशिक्षण मिला हुआ है.
म्यानमार की सीमा से एक बड़ी साजिश रची जा रही
जाहिर है कि ये भारत के विरुद्ध म्यानमार की सीमा से एक बड़ी साजिश रची जा रही है. इसमें जाहिर है कि अनेक विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है और ये जो इंटेलिजेंस इनपुट्स मिले हैं. इसे सरकार के द्वारा गंभीरता के साथ लिया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लगभग डेढ़ साल का वक्त हो चुका है पर मणिपुर के अंदर सुलग रही जातीय हिंसा की आग थम नहीं रही. अब इसके पीछे चीन से लेकर पाकिस्तान, म्यांमार से लेकर अमेरिका तक के हाथ बताई जा रहे हैं. हालांकि 35,000 करोड़ की धनराशि से गृह मंत्रालय ने मणिपुर म्यांमार बॉर्डर की फेंसिंग और असम राइफल द्वारा कड़ाई से सीमाओं की सुरक्षा करने के आदेश दे दिए हैं, लेकिन भारत विरोधी शक्तियों ने मणिपुर को सुलझाने की नई साजिश रखी है और दिन निर्धारित किया गया है 28 सितंबर का.. खास बात यह वह तारीख है जिस दिन भारत ने पूरी सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान से आतंकी हिंसा का बदला लिया था. यानी 28 सितंबर के पीछे क्या है साजिश की रूपरेखा..