महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बीच मराठा नेता मनोज जरांगे ने सरकार और विपक्ष दोनों की आलोचना की. उन्होने कहा कि महायुति सरकार हो या फिर महाविकास अघाड़ी दोनों ही दल मराठाओं की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है. दोनों ही संगठन मराठाओं को आरक्षण नहीं देना चाहता है. विधानसभा चुनाव में मराठा इसका जवाब देंगे.
शरद पवार को दिया जवाब
जरांगे का कहना है कि भाजपा बहुत चालाक है तो वहीं विपक्षी नेता उनकी मांगों का समर्थन नहीं कर रहे. दोनों ही दल मराठाओं का वोट लेते थे. हम अब चुनाव में दोनों दलों को देख लेंगे. जरांगे ने शरद पवार के एक बयान का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि एनसीपी नेता छगन भुजबल के काम के कारण अशांति फैैल सकती है. पवार क्यों ओबीसी कोटे से मराठाओं को शिक्षा-नौकरी में आरक्षण नहीं देते. पवार को मराठाओं की मांग उठानी चाहिए. बता दें, शरद ने हाल ही में कहा था कि महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी गड़बड़ी की संभावना है.
इन नेताओं पर लगाए आरोप
उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सहित एक अन्य नेता पर मराठा समुदाय को बांटने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि यह साजिश सामने आनी चाहिए. मराठा नेताओं को उनके जाल में नहीं फंसना चाहिए. हमें मराठाओं को आगे बढ़ाना है. मराठाओं की एकजुटता बहुत आवश्यत है. उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले साफ कर दिया कि बहुजन वंचित अघाड़ी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के साथ उनका कोई औपचारिक गठबंधन नहीं है.
जरांगे की यह हैं मांग
मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग है कि एक मसौदा अधिसूचना लाग हो, जिसमें कुनाबियों को मराठाओं का रक्त संबंधी माना जाए और ओबीसी वर्ग के तहत उन्हें आरक्षण दिया जाए. बता दें, जरांगे ने 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था पर समुदाय के दबाव में जरांगे ने अपना अनशन समाप्त कर दिया था.