असम के जमीयत उलेमा के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि भारत का नया संसद भवन वक्फ के जमीन पर बना है. वक्फ बिल पर नाराजगी जताते हुए AIUDF नेता ने कहा कि सभी धर्मनिर्पेक्ष राजनीतिक दलों बिल की समीक्षा के लिए गठित जेपीसी का बहिष्कार किया है. देश भर के पांच करोड़ लोगों ने जेपीसी को संदेश भेजकर बिल को बहिष्कार करने की अपील की है. इससे साफ होता है कि देश में बिल को लेकर कितनी नाराजगी है.
अजमल ने घोषणा की कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद असम वक्फ बोर्ड की जमीनों का सर्वे करेगी, जिससे बिल को चुनौती दी जा सके. अजमल ने कहा कि वक्फ बिल को लेकर कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने दावा किया कि भारत का नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर ही बनी है.
विपक्ष दलों ने जेपीसी बैठक का किया बहिष्कार
सोमवार और मंगलवार को वक्फ बिल पर बनी जेपीसी की बैठक हुई थी. बैठक में खूब हंगामा हुआ. विपक्षी दलों ने मीटिंग का बहिष्कार किया. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सदस्यों ने उन्हें गाली दी है. जेपीसी में शामिल विपक्षी दलों ने सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है और अपनी शिकायत दर्ज कराई है.
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि समिति की कार्यवाही नियमों के अनुसार नहीं हो रही है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और इमरान मसूद सहित अन्य नेताओं ने बैठक का विरोध किया था.
इन नेताओं ने किया बैठक का विरोध
- गौरव गोगोई (कांग्रेस)
- इमरान मसूद (कांग्रेस)
- ए राजा (डीएमके)
- अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी)
- असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम)
- मोहिबुल्लाह (समाजवादी पार्टी)
- संजय सिंह (आम आदमी पार्टी)