Agniveer Scheme: अग्निवीर योजना को लेकर देश में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत कई अन्य विपक्षी दल अग्निवीर स्कीम के भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं. राहुल गांधी ने तो इसे भेदभावपूर्ण तक कह दिया है. हालांकि, सैन्य दिग्गजों ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के बयानों को ‘प्रोपगेंडा’ और ‘झूठ से भरा’ बताया है. उनका दावा है कि अग्निवीर योजना के लिए सलेक्शन प्रोसेस को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है.
निष्पक्ष-पारदर्शी है भर्ती प्रक्रिया’
भारतीय सेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस सोढ़ी ने विपक्षी दलों को करारा जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि, ‘अग्निवीर योजना के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है. यह सेलेक्शन प्रोसेस आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिसेज् (AROs), ब्रांच रिक्रूटिंग ऑफिसेज् (BROs) और इंडियन एयरफॉर्स-इंडियन नेवी के समान रिक्रूटिंग ऑर्गेनाइजेशंस की गाइडलाइंस में पूरा होता है.’ इस तरह उन्होंने विपक्षी दलों के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया.
कड़ी निगरानी में होती है अग्निवीर भर्ती
अग्निवीर योजना के तहत भर्ती के दौरान कड़ी निगरानी होती है. जेएस सोढ़ी ने इस बारे में आगे खुलकर बताया. उन्होंने कहा, ‘हर भर्ती में जो भी वैकेंसी होती हैं, उनके लिए पब्लिकली एडवरटाइजमेंट निकाला जाता है. पूरे प्रोसेस को डिजिटल किया जाता है, जिससे इंसानी चूक की कोई गुंजाइश नहीं रहती.'
उन्होंने कहा, 'हर भर्ती की प्रक्रिया को एआरओ और बीआरओ बॉर्ड ऑफ ऑफिसर्स (BOO) की देखरेख में पूरा करते हैं. समय-समय पर तीनों सेनाओं के आला अधिकारी भी इसकी जांच करते हैं, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि अग्निवीर योजना भर्ती प्रक्रिया की अखंडता से कभी समझौता न हो.’
अग्निवीर मुद्दे को सनसनीखेज बना रहा विपक्ष
वहीं, मेजर माणिक एम जॉली (रिटायर्ड) ने अग्निवीर योजना को लेकर हो रही सियासत पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अग्निवीर मुद्दे को सनसनीखेज बना रहे हैं और तीनों सेनाओं में सेवारत कर्मियों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने हाल ही में एक मीडिया हाउस से कहा, ‘विपक्षी दलों के नेताओं का यह सोचना है कि आर्मी हेडक्वार्टर में बैठे अधिकारियों को सेना की भलाई की चिंता नहीं है. उनका लगातार स्कीम पर सवाल उठाना, संदिग्ध रुख है. विपक्ष के इस स्वांग को अच्छी तरह से समझा जा सकता है.’
रिटायर्ड मेजर माणिक ने जोर देकर कहा कि ‘कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष नियमित सैनिकों बनाम अग्निवीरों, अनुभवी बनाम सेवारत आदि के बीच दरार पैदा करने के निरंतर मिशन पर रहा है. वो 'फूट डालो और राज करो' के एजेंडे पर काम कर रहे हैं. इसलिए यह जरूरी है कि अग्निवीर स्कीम को तथ्यों (Facts) और आंकड़ों (Figures) के आधार पर आंका जाए, न कि अफवाहों और प्रोपगेंडा के आधार पर.’
लगातार बढ़ रही अग्निवीरों की संख्या
उन्होंने कहा कि विपक्ष के हंगामे के बावजूद अग्निवीर के रूप में रक्षा बलों में अग्निवीरों की भर्ती की संख्या बढ़ रही है. इस महीने की शुरुआत में, भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल सीबी पोनप्पा ने खुलासा किया कि लगभग 1 लाख अग्निवीर सेना में शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 70,000 पहले ही विभिन्न यूनिट्स में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय सेना में लगभग 50,000 नए अग्निवीरों का नामांकन किया जाएगा.
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