Waqf Board Act: केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने जा रही है. इसके लिए सरकार इस सप्ताह वक्फ बोर्ड की शक्तियों और कार्यप्रणाली में संशोधन संबंधी बिल ला सकती है. सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, इस बिल के माध्यम से केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' बनाने की शक्तियों पर रोक लगाना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार शाम कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में संशोधन की मंजूरी दे दी. जिसमें करीब 40 संशोधन शामिल हैं.
ये हैं वक्फ बोर्ड में प्रस्तावित संशोधन
जानकारी के मुताबिक, प्रस्तावित संशोधनों में वक्फ बोर्ड की ओर से किए गए संपत्तियों पर दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन का प्रस्ताव दिया जाना शामिल है. इसके अलावा वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव भी दिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है.
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जानें संशोधन से क्या होगा असर?
जानकारों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड में इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में होगा. क्योंकि इन राज्यों में वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास काफी जमीन भी है. बता दें कि 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां प्रदान की थीं. इस समय वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.70 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.40 लाख एकड़ है.
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वहीं वक्फ अधिनियम, 1995 को वक्फ की ओर से 'औकाफ' यानी वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्ति को विनियमित करने के लिए अधिनियमित किया गया था. इसके मुताबिक, वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून के माध्यम से पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति को समर्पित कर सकता है.
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वक्फ बोर्ड को मिले थे व्यापक अधिकारी
बता दें कि पहले भी सरकार ने राज्य वक्फ बोर्डों को संपत्ति पर व्यापक अधिकार दिए जाने और अधिकांश राज्यों में ऐसी संपत्ति के सर्वेक्षण में देरी को लेकर संज्ञान किया था, इसके साथ ही सरकार ने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने पर भी ध्यान दिया. साथ ही जिला मजिस्ट्रेटों को इसकी निगरानी में शामिल करने की संभावना पर भी विचार किया. सूत्रों के मुताबिक, अपील प्रक्रिया में खामियां भी जांच के दायरे में हैं.