Monkeypox Virus Alert: दुनिया के कई देशों में इनदिनों मंकीपॉक्स वायरस का खौफ फैला हुआ है. इस बीच पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मंकीपॉक्स का मामला सामने आया है जो देश में इस बीमारी का पहला केस है. पाकिस्तान में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद भारत के लिए भी खतरे की घंटी बजने लगी है. हालांकि, इस बीमारी का भारत में कितना असर पड़ेगा इसके बारे में एक्सपर्ट ने भी इस महामारी को लेकर आगाह किया है.
WHO ने जारी की एडवाइजरी
बता दें कि मंकीपॉक्स अब तक 70 देशों में फैल चुका है. ताजा मामले दुनिया के 15 देशों में सामने आए हैं. हालांकि भारतीय चिकित्सक इस वायरस को देश के लिए कोई खतरा नहीं मान रहे हैं. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के चलते देश में अलर्ट जारी किया है. साथ ही लोगों को इस वायरस से सतर्क रहने को कहा है. डब्ल्यूएचओ ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि अगर किसी की स्किन पर चकत्त पड़ जाएं या फिर घाव हो जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. क्योंकि ये मंकीपॉक्स हो सकता है. बता दें कि मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है और एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है.
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इन देशों में फैल चुका है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स वायरल अब तक दुनिया के 70 देशों में फैल चुका है, लेकिन ताजा मामले 15 देशों में सामने आए हैं. इन देशों पड़ोसी पाकिस्तान का नाम भी शामिल हो गया है. इसके अलावा युगांडा, कांगो, रेवांडा, केन्या, बुरुंडी और स्वीडन में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है. बता दें कि साल 2022 में ये महामारी अमेरिका और ब्रिटेन में भी फैली थी. इस बीमारी से संक्रमित 27 हजार लोगों की पहचान हो चुकी है. जिनमें से 1000 लोगों की जान जा चुकी है.
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खैबर पख्तूनख्वा में मिला मंकीपॉक्स का मामला
मंकीपॉक्स का ताजा मामला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सामने आया है. जहां बीते दिन मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीज की पहचान की गई. ये शख्स 3 अगस्त को ही सऊदी अरब से स्वदेश लौटा था. पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स का केस मिलने की पुष्टि की है. साथ ही कहा है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज को क्वारंटाइन कर दिया है. इसके साथ ही उसके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए गए हैं साथ ही देशभर में इस महामारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
भारत के लिए कितनी चिंता की बात है मंकीपॉक्स?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि पाकिस्तान में मंकीपॉक्स का मरीज मिलना भारत के लिए भी चिंता की बात है. हालांकि उन्होंने कहा कि इससे डरने की जरूरत नहीं है. फिलहाल इस महामारी के सबसे ज्यादा मामले यूरोप और अफ्रीका में हैं. उनका कहा है कि एशिया के देशों में इसका खतरा नहीं बढ़ा है. उन्होंने कहा कि ये एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन यह हवा के जरिए नहीं फैलती, बल्कि एक दूसरे को छूने से फैलती है. इसलिए लोगों को घबराएं की जरूरत नहीं बल्कि सतर्क रहना है. भारत में जनवरी 2022 से जून 2024 तक मंकीपॉक्स के कुल 27 मरीज मिल चुके हैं.
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