विदेश से लौटे एक व्यक्ति में मंकी पॉक्स वायरस के संदेह पर उसे अस्पताल में भर्ती कर आइसोलेट कर दिया गया. हालांकि अभी उसकी हालत स्थिर है और अस्पताल में उस पर करीब से निगरानी रखी जा रही है. तो वहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तैयारी पहले से है. साथ ही लोगों से कहा है कि वह भी अलर्ट रहें. बिल्कुल भी डरे नहीं, घबराए नहीं. लगता है कि देश में भी मंकी पॉक्स की एंट्री हो गई है. हालांकि अभी दावे के साथ कहना मुश्किल है. विदेश से लौटे एक शख्स में लक्षण पाए जाने के बाद उसे आइसोलेट किया गया है. मंकी पॉक्स के संदिग्ध संक्रमित शख्स को पहचान के बाद एक अस्पताल में रखा गया है.
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अस्पतालों में अलर्ट किया गया जारी
मंकी फॉक्स वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिन तक होता है. इसलिए उस शख्स को तब तक निगरानी में रखा जाएगा. युवा लड़का जो बाहर से आया था, उस देश से आया था, जहां पर एम पॉक्स के मामले जो हैं वो दर्ज किए गए हैं. उसके अंदर सारे सिम्टम्स जो हैं, वो नजर आए हैं. उसके बाद उसकी शिनाख्त जो है वो की गई है. हम आपको बता दें कि दिल्ली में तीन अस्पताल ऐसे हैं जो कि डेजिग्नेट एम पॉक्स अस्पताल हैं, जिसमें सफदरजंग अस्पताल है आरएमएल अस्पताल है और लेडी हार्डिंग अस्पताल है, जितने डेजिग्नेट एमॉक्स अस्पताल जो है वो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाए गए हैं, इसके साथ-साथ अब उस व्यक्ति को वहां आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है. मंकी पॉक्स का संक्रमण आमतौर पर दो से चार सप्ताह का होता है और रोगी आमतौर पर सामान्य इलाज से ठीक हो जाते हैं.
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मंकी पॉक्स कैसे फैलता है
ऐसे में जानना जरूरी है कि मंकी पॉक्स कैसे फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से और आमतौर पर यौन संपर्क से इसका संक्रमण हो जाता है. शरीर घाव के तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े चादर का इस्तेमाल करने से होता है. केंद्र सरकार पहले से ही अलर्ट मोड पर है और सभी राज्यों को जरूरी गाइडलाइंस जारी कर दी गई है. केंद्र सरकार का कहना है कि हालात कंट्रोल में है और डरने की जरूरत नहीं है. अब जो इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार पूरी तरीके से एम पॉक्स को कंट्रोल करने के लिए तैयार है.
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ट्रेसिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग का किया जा रहा काम
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ट्रेसिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम किया जा रहा है. क्योंकि एम पॉक्स व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. तो ऐसे में ये भी उसकी कांटेक्ट शेयरिंग भी की जा रही है कि वो किन-किन से वो मिला था और कब-कब मिला था. क्या उनको किसी भी तरीके के सिमटम्स हैं कि नहीं. मंकी पॉक्स का संक्रमण होने पर कुछ प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं. जिस पर ध्यान नहीं देने पर खतरनाक हो सकता है. संक्रमण के प्रमुख लक्षण है मंकी पॉक्स की शुरुआत अक्सर तेज बुखार से होती है और लंबे समय तक रहता है शरीर पर दाने और घाव का हो जाना दाने छोटे-छोटे छाले के रूप में शुरू होते हैं गर्दन बगल और कमर के पास सूजन का हो जाना शरीर में दर्द और थकावट का महसूस होना गले में खराश और लगातार सिर दर्द का होना आदि शामिल हैं.