नीरजा भनोट एक मशहूल मॉडल और एयरहोस्टेज थीं. अपनी जान गवां कर उन्होंने 5 सितंबर 1986 में हुए प्लेन हाईजैक में कई यात्रियों की जान बचाई थी. उन्होंने बहादुरी का परिचय देकर 300 से अधिक लोगों की जान बचाई. भनोट शुरुआत से ही काफी निडर थीं. वह परिवार में लाडली थीं. उसके जज्बे, हिम्मत और हौसले की वजह से उसका नाम इतिहास में दर्ज हो चुका है. उन्हें हीरोइन ऑफ हाईजैक के रूप में पहचान मिली. पढ़ाई, खेल और अच्छे लुक्स के साथ वह काफी आकर्षक थीं. उनकी जिंदगी में सबकुल अच्छा चल रहा था. मगर एक दिन उनके जीवन को पूरा बदल डाला.
फ्लाइट को न्यूयॉर्क जाना था
5 सितंबर 1986, पैन एएम 73 फ्लाइट ने मुंबई से उड़ान भरी. फ्लाइट को न्यूयॉर्क जाना था, लेकिन पाकिस्तान का कराची शहर उसका पहला पड़ाव था. कराची के जिन्ना एयरपोर्ट पर फ्लाइट उतरी. कुछ पैसेंजर भी उतरे कुछ आगे की यात्रा के लिए सवार हुए. पायलट ने टेकऑफ की तैयारी शुरू कर दी. इस बीच तेजी में चार आतंकी विमान में घुस गए. इसके बाद उन्होंने प्लेन को हाईजैक कर लिया.
क्रू मेंबर समेत 379 लोग सवार थे
प्लेन में चार आतंकी सवार हुए थे. 360 यात्री और क्रू मेंबर समेत 379 लोग सवार थे. इन्हीं क्रू मेंबरों में से एक थीं नीरजा भनोट. ये भारत की वहीं वीरांगना हैं, जिन्होंने आतंकियों से लोहा लिया. सभी यात्रियों की जान बचते हुए उसने अपनी जान गंवा दी. वह अगर चाहती को इस परिस्थितियों से बच सकती है. मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपनी सूझबूझ से सभी यात्रियों को वहां से सुरक्षित निकाला लिया.
सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित
नीरजा भनोट के बलिदान के बाद भारत सरीकार ने उनको सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया. वहीं पाकिस्तान की सरकार ने भी नीरजा को तमगा-ए-इंसानियत प्रदान किया. नीरजा वास्तव में स्वतंत्र भारत की महानतम वीरांगना थीं. सन 2004 में नीरजा भनोट के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीरजा का नाम हीरोइन ऑफ हाईजैक के तौर पर लोकप्रिय है. वर्ष 2005 में अमेरिका ने उन्हें जस्टिस फॉर क्राइम अवार्ड दिया. उनकी कहानी पर आधारित 2016 में एक फिल्म भी बनी, इसमें उनका किरदार सोनम कपूर ने अदा किया था.