कोरोना वायरस से जूझते हुए भारत को एक साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है. एक साल पूरा होने के बाद भी देश में कोरोनावायरस से कोई खास राहत नहीं मिली है क्योंकि इस महामारी ने अभी हाल ही में देश में जोरदार वापसी करते हुए एक बार फिर से दहशत फैला दी है. आज 22 मार्च है और ये दिन देश के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आज ही के दिन देशभर में जनता कर्फ्यू लगाया गया था. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की थी.
कोरोना वायरस का कहर देखते हुए पीएम मोदी की इस अपील पर पूरा देश एकसाथ खड़ा हुआ और जनता कर्फ्यू का पालन किया. इस दौरान पूरा देश अपने-अपने घरों में बंद रहा. जनता कर्फ्यू के दिन पूरे देश में न तो कोई दुकान खुली और न ही कोई दफ्तर. उस दिन सार्वजनिक यातायात भी पूरी तरह से ठप्प रहा. हालांकि, जरूरी काम से जुड़े लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति दी गई थी. दरअसल, जनता कर्फ्यू एक तरह से लॉकडाउन का मॉक ड्रिल था. जनता कर्फ्यू की सफलता के दो दिन बाद से ही पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया.
भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को सामने आया था. जनता कर्फ्यू वाले दिन भारत में कोरोना वायरस के कुल 361 मामले ही थे. लेकिन इसके बाद महामारी ने भारत में रफ्तार पकड़ी और देखते ही देखते मरीजों की संख्या पहले सैकड़ों में फिर हजारों में और फिर लाखों में पहुंच गई. जनता कर्फ्यू के ठीक एक साल बाद कोरोना वायरस ने एक बार फिर देश में वापसी कर ली है. जहां एक वक्त देशभर में कुल मामले घटकर 10 हजार से भी कम हो गए थे, वे अब एक फिर 50 हजार के करीब पहुंच गए हैं. बताते चलें कि भारत में एक दिन में अधिकतम करीब एक लाख कोरोना वायरस के नए मामले सामने आए हैं.
HIGHLIGHTS
- आज ही के दिन पिछले साल लगाया गया था जनता कर्फ्यू
- पीएम मोदी की अपील पर अपने घरों में कैद हो गया था देश