बिहार के सात जिलों में बिजली गिरने से रविवार को 10 लोगों की मौत हो गयी. वहीं दिल्ली में भारी बारिश के बाद रविवार को मिंटो ब्रिज के नीचे पानी भर गया, जहां 56 वर्षीय पिक-अप ट्रक के चालक की अपनी गाड़ी को निकालने की कोशिश में डूबने से मौत हो गई. इसके साथ ही कई झुग्गियां ढह गईं और निचले इलाकों में पानी भर गया. असम में इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन से 110 लोगों की मौत हो चुकी है.
इनमें से 84 लोगों की मौत बाढ़ संबंधी घटनाओं और 26 लोगों की मौत भूस्खलनों के कारण हुई. राज्य में बाढ़ के हालात के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात की. असम के 33 जिलों में से 24 जिलों में बाढ़ से 25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और कई स्थानों पर मकान, फसलें, सड़क एवं पुल तबाह हो गए. दिल्ली में कई इलाकों में जलभराव हो गया जिससे कई स्थानों पर यातायात प्रभावित हुआ.
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मौसम विभाग ने अपने दैनिक बुलेटिन में बताया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिन में अच्छी बारिश के आसार हैं. विभाग ने बताया कि असम तथा मेघालय में अगले तीन दिन में तथा बिहार में अगले 24 घंटे में भारी बारिश हो सकती है. बिहार में रविवार को वज्रपात की चपेट में आकर पूर्णिया जिले में तीन, बेगूसराय में दो तथा पटना, सहरसा, पूर्वी चम्पारण, मधेपुरा एवं दरभंगा में एक—एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
बीते तीन हफ्ते में बिजली गिरने के कारण राज्य में 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी सब डिवीजन के चौरी बागर गांव में शनिवार रात भारी बारिश से उफनाई गोरी नदी के पानी में चार मकान, कुछ मवेशी और कृषि योग्य भूमि बह गयी है. एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि स्थानीय लोगों को पहले ही सुरक्षा की दृष्टि से वहां से बाहर निकाल लिया गया था.
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मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर बीते 24 घंटे में हल्की से मध्यम बारिश हुई. सबसे ज्यादा 67.6 मिमी बरसात धर्मशाला में हुई. पंजाब एवं हरियाणा में रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य सीमा के आस पास रहा. इसके अलावा दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों में बारिश दर्ज की गई.
मौसम विभाग के अनुसार दोनों राज्यों की साझी राजधानी चंडीगढ़ में रविवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंजाब में अमृतसर में अधिकतम तापमान 33.7, लुधियाना में 35.2 एवं पटियाला का अधिकतम तापमान क्रमश: 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. लुधियाना में एक मिमी वर्षा दर्ज की गई. हरियाणा में अम्बाला में अधिकतम तापमान 35.3, हिसार में 35, करनाल में 33.5 और नारनौल में 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
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हिसार में 0.8 मिमी बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि अगले दो दिन तक दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है . देश में मौजूदा मानसून में अब तक सामान्य से छह फीसद अधिक वर्षा हुई है लेकिन उत्तर भारत में कम बारिश हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी.
विभाग के मौसम विज्ञान संबंधी चार संभाग हैं तथा दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत संभागों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई. आईएमडी के अनुसार लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में अब तक 19 फीसद कम वर्षा हुई है. इस संभाग में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान आते हैं. विभाग ने बताया कि रविवार तक हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर में कम वर्षा दर्ज की गयी.
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लद्दाख में तो बहुत कम वर्षा हुई है. आईएमडी के अनुसार मानसून निर्धारित समय एक जून को केरल पहुंचा था और देश में चार महीने की बारिश का सीजन का प्रारंभ हुआ था. भारत में मानसून के सामान्य रहने की संभावना है. जून में जारी 2020 के मानसून के अद्यतन अनुमान में आईएमडी ने उत्तर पश्चिम भारत के दीर्घावधि औसत (एलपीए) की 107 फीसद बारिश होने का अनुमान प्रकट किया था जो ‘सामान्य से अधिक’ की श्रेणी में आती है.
लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में मानसून कमजोर रहा है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा,‘‘ उत्तर-पश्चिम भारत में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है. लेकिन अब भी हमारे पास दो और महीने हैं.’’ विभाग ने 18 से 20 जुलाई तक उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा का अनुमान लगाया है.
महापात्र का कहना है कि उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अच्छी वर्षा होगी. दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से 17 फीसद अधिक वर्षा हुई है जिसमें तमिलनाड, पुडुचेरी, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना आते हैं. मध्य भारत में 12 फीसदी अधिक वर्षा हुई है. पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 10 फीसदी अधिक वर्षा हुई है.
Source : Bhasha