भारत कोरोना काल में उत्पन्न हुए सप्लाई चैन की डिमांड को महसूस किया है. अब विश्व की कई कंपनी चाइना प्लस वन का प्लान लेकर चल रही है. भारत सरकार इसी प्लान का फायदा उठाना चाहती है. भारत सरकार चाहती है कि जो भी कंपनी चाइना के बाहर अपना फैक्ट्री सेटअप करना चाहते है. उनको एक बेहतर सुविधा दी जाए जिससे वो भारत में फैक्ट्री लगाए. इसके लिए भारत सरकार एक योजना लाई है, जिस पर भारत सरकार 100 ट्रिलियन रूपये या 1.2 ट्रिलियन डॉलर खर्च करेगी.
भारत में आधे से ज्यादा अपने समय से देरी से चल रही है वही हर दूसरा प्रोजेक्ट अनुमानित बजट से देरी से चल रहे है. पीएम मोदी का मानना है कि अगर भारत के पास नई तकनीक हो तो इन समस्याओं से निजात मिल सकता है. भारत सरकार चाहती है कि जो कंपनियां चाइना के बाहर अपना सेटअप लगाना चाहती है उसे वन स्टॉप सोलुसन मिले. भारत सरकार अब 16 मंत्रालय को साथ लाकर सिंगल विंडो सिस्टम ला रही है. इस योजना के तहत जो भी कंपनी भारत में इनवेस्ट करना चाहती है उसे अलग-अलग मंत्रालय के चक्कर काटना न पड़े उनको एक ही जगह सभी क्लीयरेंस मिलेगी. इस मामले पर कॉरपोरेट मंत्रालय के स्पेशल सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सभी कंपनियां अब भारत में निवेश करना चाहती है. हम विश्व में सबसे अधिक रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.
भारत सरकार पीएम गति शक्ति योजना के तहत रेल फ्रेट कॉरिडोर, राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाई अड्डा, बंदरगाह और सभी कनेक्टविटी के साधन को कनेक्ट करना चाहती है जिससे आधारभूत के सभी परियोजलना समय से पूरा हो. इससे समय और लागत में कमी आएगी.
भारत में विश्व के सबसे सस्ते लेबर मौजूद है और इंग्लिश बोलने वाले प्रोफेशनल है. अभी भारत सरकार लोगों को स्किल इंडिया मिशन के तहत स्किल डवलपमेंट कर रही है.
Source : News Nation Bureau