कोरोनावायरस मामलों में लगातार रही वृद्धि के मद्देनजर और भारत सरकार के क्रमिक, समय पूर्व एवं अग्र सक्रिय दृष्टिकोण के अनुरूप केंद्र ने शनिवार को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को, जहां कोरोना की स्थिति काफी खराब है, वेंटिलेटर की नई आपूर्ति प्रदान की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की. हर्षवर्धन ने कोविड-19 के मामलों में हाल ही में आई तेजी को रोकने और उसके प्रबंधन के लिए राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों द्वारा किए गए उपायों की समीक्षा के लिए आज 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.
आपको बता दें कि ये बैठक तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश सहित इन राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों में नए कोविड मामलों में एक अभूतपूर्व तेजी दर्ज की गई है. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रियों को याद दिलाते हुए कहा कि पिछले साल केंद्र ने राज्यों को 34,228 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए थे. उन्होंने वेंटिलेटर की नई आपूर्ति का आश्वासन भी दिया, जिनमें से 1,121 वेंटिलेटर महाराष्ट्र को, 1,700 उत्तर प्रदेश को, 1,500 झारखंड को, 1,600 गुजरात को, 152 मध्य प्रदेश को और 230 छत्तीसगढ़ को दिए जाएंगे.
हर्षवर्धन ने आबादी के प्रत्येक लक्षित वर्ग में टीका लगवाने वाले लाभार्थियों की संख्या बताते हुए टीके की कमी के कथित मुद्दे पर भी चर्चा की. केंद्र द्वारा राज्यों को प्रदान की गई 14 करोड़ 15 लाख खुराकों के मुकाबले अब तक कुल टीकों की खपत (नुकसान सहित) लगभग 12 करोड़ 57 लाख 18 हजार खुराकें हैं. अब भी राज्यों के पास करीब एक करोड़ 58 लाख खुराकें उपलब्ध हैं, जबकि एक करोड़ और 16 लाख 84 हजार खुराकें प्रक्रियारत हैं और उन्हें अगले सप्ताह तक वितरित किया जाएगा. मंत्री ने कहा, हर छोटे राज्य के स्टॉक सात दिनों के बाद फिर से भरे जाते हैं. बड़े राज्यों के लिए, समय अवधि चार दिन की है. इस बात पर जोर देते हुए कि टीके की कोई कमी नहीं है, स्वास्थ मंत्री ने टीकाकरण अभ्यास को और तेज करने की अपील की.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक की शुरुआत में नए मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि का एक स्नैपशॉट पेश किया. उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल, 2021 को भारत में अब तक किसी एक दिन सबसे ज्यादा कोविड मामले सामने आए थे, जो दुनिया में किसी एक दिन के लिहाज से भी उच्चतम संख्या थी. 12 अप्रैल, 2021 को दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों में भारत की हिस्सेदारी 22.8 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा, भारत में वर्तमान में नए कोविड मामलों में सबसे तेज विकास दर 7.6 प्रतिशत है, जो जून 2020 में दर्ज की गई 5.5 प्रतिशत की विकास दर की तुलना में 1.3 गुना अधिक है. इसके साथ सक्रिय मामलों की दैनिक संख्या में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है जो इस समय 16,79,000 है.
साथ ही, मौतों की संख्या में 10.2 प्रतिशत की तेज वृद्धि भी हुई है. हर दिन सामने आने वाले नए मामलों और बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या के बीच का बड़ा अंतर यह दिखाता है कि लगातार बढ़ते सक्रिय मामलों के साथ संक्रमण के मामले बीमारी से उबरने के मामलों की तुलना में काफी तेज से बढ़ रहे हैं. सभी 11 राज्य/केंद्रशासित क्षेत्र पहले से ही एक दिन में संक्रमण की अपनी अधिकतम संख्या को पार कर चुके हैं और मुंबई, नागपुर, पुणे, नासिक, ठाणे, लखनऊ, रायपुर, अहमदाबाद और औरंगाबाद जैसे कुछ जिलों में भी यही स्थिति है. लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों ने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति बढ़ाने; अस्पतालों में रेमडेसिविर की आपूर्ति बढ़ाने; वेंटिलेटर स्टॉक बढ़ाने और टीके के खुराक की आपूर्ति बढ़ाने जैसे मुद्दे उठाए.
उनमें से कई ने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति लाइनों को जोड़ने और रेमडेसिविर जैसी आवश्यक दवाओं की कीमतों की सीमा तय करने का मुद्दा उठाया, जो कि काला बाजार के तहत अत्यधिक कीमतों पर बेची गई हैं. महाराष्ट्र में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन प्रमुख चिंता का विषय रहा. दिल्ली सरकार ने केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तरें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जैसा 2020 में किया गया था, ताकि उभरते स्वास्थ्य संकट से निपटने में मदद मिले. पिछले फरवरी से मामलों में हुई सक्रिय वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, जिसमें अधिकांश राज्यों ने अब अपनी उच्चतम सीमा को पार कर लिया है, हर्षवर्धन ने राज्यों से मामलों में आने वाली और तेजी से निपटने के लिए अग्रिम योजना बनाने और कोविड अस्पतालों, ऑक्सीजेनेटेड बेड और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की अपील की.
उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे अपने प्रशासन के प्रमुख पांच-छह शहरों पर विशेष ध्यान दें, मेडिकल कॉलेजों को इन शहरों में या उनसे लगे दो-तीन जिलों से जोड़ दें. राज्यों को संक्रमित मामलों में शुरुआती लक्षणों की जल्दी पहचान करने के लिए कहा गया, ताकि शीघ्र और प्रभावी उपचार से रोगग्रस्त व्यक्ति के स्वास्थ्य में होने वाली गिरावट को रोका जा सके. कम्युनिटी क्वारंटीन हासिल करने के लिए बड़े कंटेनमेंट जोन बनाने की रणनीति भी सुझाई गई.
केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को समन्वित आईएनएसएसीओजी नोडल अधिकारियों को पैथोजेन के जीनोमिक म्यूटेंट का आकलन करने के लिए क्लीनिकल और ऐपिडेमियोलॉजिकल तस्वीरें भेजने तथा क्लीनिकल तस्वीर के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य परिदृश्य को जोड़ने की कोशिश करने को कहा. उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उपस्थित राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों के स्वास्थ्य मंत्रियों में टी. एस. सिंह देव (छत्तीसगढ़), सत्येंद्र जैन (दिल्ली), डॉ. के. सुधाकर (कर्नाटक), डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), राजेश टोपे (महाराष्ट्र), जय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश), के.के. शैलजा (केरल), डॉ. रघु शर्मा (राजस्थान) शामिल रहे.
HIGHLIGHTS
- 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक
- राज्यों में कोरोना से बचने के लिए दिए गए 6 हजार वेंटीलेटर्स
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने की बैठक की अध्यक्षता