एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत कर्नाटक के स्पीकर रमेश कुमार ने कांग्रेस और जेडीएस के बागी 14 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है. रविवार को अचानक उठाए गए इस कदम से सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की विश्वास मत बहाली की प्रक्रिया को संजीवनी मिल गई है. अब बीजेपी के लिए जादुई आंकड़ा हासिल करना कहीं आसान हो गया है. गौरतलब है कि बागी विधायकों को हटाने के बाद बहुमत का आंकड़ा 105 रह गया है.
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बागी विधायकों को समय देने से इंकार
गौरतलब है कि इससे पहले बागी विधायकों ने स्पीकर के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा था. इस पर रविवार को फैसला करते हुए रमेश कुमार ने उन्हें समय देने से इंकार कर उन्हें अयोग्य करार दे दिया. गौरतलब है बीएस येदियुरप्पा को सोमवार को सदन में विश्वास मत हासिल करना है. रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में अपने फैसले से अवगत कराते हुए स्पीकर ने कहा कि उन्होंने कोई चालाकी या ड्रामा नहीं किया, बल्कि सौम्य तरीके से फैसला किया है.
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11 कांग्रेस और 3 जेडीएस विधायक अयोग्य
अयोग्य करार दिए गए विधायकों में बैराठी बसावराज, मुनिरथना, एसटी सोमशेखर, रोशन बैग, आनंद सिंह, के गोपालाइहा, नारायण गौड़ा, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, एएच विश्वनाथ, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ सुधाकर, शिवराम हैब्बर और श्रीमंत पाटिल शामिल हैं. हालांकि स्पीकर ने अभी बसपा के एकमात्र विधायक एन महेश पर कोई फैसला नहीं लिया है. गौरतलब है बसपा सुप्रीमो मायावती के स्पष्ट निर्देश के बावजूद एन महेश ने कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मतदान नहीं किया था.
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कुल 17 बागी विधायकों की सदस्यता हुई रद्द
इससे पहले स्पीकर रमेश कुमार ने तीन निर्दलीय विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था. रविवार को 14 अन्य विधायकों के अयोग्य करार देने के बाद अब तक कुल 17 विधायक अयोग्य करार दिए जा चुके हैं. इस फैसले के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 207 बची है. यानी बहुमत के लिए 105 जादुई आंकड़ा होगा. अयोग्य करार दिए गए विधायकों में 11 कांग्रेस और 3 जेडीएस के हैं.
HIGHLIGHTS
- सोमवार को बीएस येदियुरप्पा के लिए विश्वास मत बहाली हुई आसान.
- अब तक कुल 17 विधायकों की सदस्यता हुई रद्द.
- बहुमत हासिल करने के लिए चाहिए महज 105 का समर्थन.