प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 15वें भारत-यूरोपीय यूनियन (वर्चुअल) सम्मेलन को संबोधित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित किया. भारत-यूरोपिय यूनियन में किन मुद्दों पर बातचीत हुई इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी.
विदेश मंत्रालय ने बताया, 'भारत और यूरोपीय संघ ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की. इसके अलावा निरस्त्रीकरण और अप्रसार के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की . आतंकवाद को मिलकर निपटने के लिए प्रतिबद्धता जताई.
भारत-यूरोपीय यूनियन सम्मेलन में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए, इसके वित्तपोषण और कट्टरपंथीकरण का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्धता जताई. भारत और यूरोपीय संघ इस संबंध में आदान-प्रदान और सहयोग तेज करेंगे.
विदेश मंत्रालय के सचिव विकास स्वरूप (पश्चिमी) ने कहा कि 15वां भारत-ईयू शिखर सम्मेलन पूरा हो गया है. यूरोपीय संघ के साथ हमारे संबंध बहुत सक्रिय हैं. हमारे संबंध एक तरह से सभी आयामों को समाहित करते हैं. वस्तुओं को लेकर 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा व्यापार के साथ यूरोपीय यूनियन हमारा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. हमारे बीच लगभग 40 बिलियन डॉलर का सेवा व्यापार भी है.
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उन्होंने आगे बताया कि यूरोपीय संघ भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है, जिसका कुल संचयी निवेश 91 बिलियन डॉलर से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित किया गया था. इसमें दोनों पक्षों के नेताओं के बीच आपसी सम्मान और प्रशंसा दर्शित हुई, जो उनके पिछले संबंधों की एक बानगी थी.
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विकास स्वरूप ने कहा कि सम्मेलन में वैश्विक और क्षेत्रीय विकास की समीक्षा के हिस्से के रूप में चीन के साथ हमारे संबंधों का विषय भी सामने आया. इसे लेकर प्रधानमंत्री ने सामने आए. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन संबंध और सीमावर्ती क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति पर हमारे विचार साझा किए.
Source : News Nation Bureau