महाराष्ट्र में बारिश में कमी और गन्ने की खेती और सिंचाई के लिए बड़ी मात्रा में पानी के इस्तेमाल के कारण सूबे के मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र के 17 जिलों में सूखे की स्थिति बन गयी है. जल संसाधन विभाग की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में इस मानूसन के दौरान औसत बारिश हुई है और क्षेत्र में जल भंडार केवल 28.81 फीसदी है. मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए जीवन रेखा के रूप में प्रसिद्ध जयकवाड़ी बांध में मंगलवार को जल भंडारण 45.88 फीसदी के आसपास था जबकि इसी दिन पिछले साल यह 87.63 प्रतिशत था.
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 'कम से कम 17 जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है . लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्षेत्र में पानी का जबरदस्त अभाव होगा.'
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अगुवाई में राहत एवं पुनर्वास पर बनी उप समिति की बैठक अभी होनी है. सूखे की स्थिति वाले इलाके के बारे में अंतिम घोषणा संभवत: 15 अक्तूबर के बाद होगी.
जल संसाधन राज्य मंत्री विजय शिवात्रे ने बताया, 'गन्ने की खेती के लिए बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है. प्रदेश के बीड़ जिले में स्थित महाराजा बांध में पिछले साल पर्याप्त पानी था . लेकिन आज यह सूख गया है क्योंकि गन्ने की खेती में बड़ी मात्रा में इसके पानी का इस्तेमाल किया गया है.'
मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित नौ बांध में से दो सूख चुके हैं और दूसरे बांध में औसतन 28.81 प्रतिशत जल का भंडारण है.
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पश्चिमि विदर्भ के अमरावती संभाग में औसत जल भंडारण 57.37 फीसदी है जबकि पूर्वी विदर्भ के नागपुर संभाग में यह आंकड़ा 50 फीसदी से अधिक है.
Source : News Nation Bureau