राम मदिर मुद्दे को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो क़ानून बनाने में कितना समय लगता है. राष्ट्रपति भवन से लेकर यूपी तक बीजेपी की सरकार है. इतना ही नहीं उन्होंने आगे धमकाते हुए कहा कि राज्यसभा में ऐसे बहुत से सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे. जो विरोध करेगा देश में उसका घूमना मुश्किल होगा. इस बारे में उन्होंने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि 'शिवसेना चुनाव के दौरान राम के नाम पर न तो वोट मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है. सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए.'
वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के दो दिवसीय अयोध्या दौरे पर संपादकीय में लिखा गया है कि 'शिवसेना प्रमुख उद्धव राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे. लेकिन हमारे अयोध्या दौरे को लेकर हिंदुत्व के समर्थक बताने वालों के पेट में दर्द हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं."
संपादकीय में आगे लिखा, "अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है. 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था. फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं. अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी."
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शिवसेना ने आगे सफाई देते हुए कहा कि "हमने 'चलो अयोध्या' का नारा नहीं दिया है. वैसे भी अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है. शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं."
Source : News Nation Bureau