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केरल के मलप्पुरम में मस्जिद अज़ान के लिये लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेंगे

'अज़ान' को लेकर आए दिन होने वाले विवाद और शिकायतों के मद्देनज़र केरल के मलप्पुरम की मस्जिदों के संगठन ने फैसला किया है कि अब से दिन में लाउडस्पीकर पर एक बार ही अज़ान होगी।

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pradeep tripathi
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केरल के मलप्पुरम में मस्जिद अज़ान के लिये लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेंगे
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'अज़ान' को लेकर आए दिन होने वाले विवाद और शिकायतों के मद्देनज़र केरल के मलप्पुरम की मस्जिदों के संगठन ने फैसला किया है कि अब से दिन में लाउडस्पीकर पर एक बार ही अज़ान होगी। 

वजक्कड़ इलाके की सबसे बड़ी मस्जिद वालिया जुमा मस्जिद ने इलाके का 17 दूसरी मस्जिदों से एक करार किया है। जिसके तहत अब ये मस्जिद सिर्फ एक बार ही अजा़न देंगे। नमाज़ दिन में 5 बार अदा की जाती है। वालिया जुमा मस्जिद सिर्फ एक बार लाउड स्पीकर पर अज़ान देगा। लेकिन अब दूसरी मस्जिदें लाउडस्पीकर का उपयोग किये बगैर ही इसे दोहराएंगी।

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वजक्कड़ मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष टीपी अब्दुल अज़ीज ने एक अंग्रेज़ी न्यूज़ साइट न्यूज़ मिनट को बताया, 'वजक्कड़ जंक्शन के पास 7 मस्जिदें हैं और 10 किलोमीटर के दायरे में कुच और मस्जिदें भी हैं। लेकिन ये हमारे संज्ञान में आया है कि मस्जिदों में अज़ान के अलग-अलग समय और कई बार अदा किये जाने के कारण जनता, व्यापारियों और शिक्षण संस्थानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।'

हाल ही में बॉलिवुड सिंगर सोनू निगम ने मस्जिदों से आने वाली अज़ान की आवाज़ पर विवादित ट्वीट किया था। उन्हें अपने इस ट्वीट के कारण आलोचना का शिकार भी होना पड़ा था।

इलाके में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिये हुई समिति की बैठक में आम सहमति से फैसला लिया गया। इस फैसले में सुन्नी, मुजाहिद (सलाफी), जमात ए इस्लामी और तबलीग जमात के लोग भी शामिल थे। इस बैठक का अंजाम ये हुआ है कि अब हफ्ते के पांच दिन सिर्फ दिन में एक बार नमाज़ अदा की जाएगी।

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एक पांच सदस्यीय समिति भी गठित की गई है ताकि वो ये सुनिश्चित कर सके कि इलाके की सभी मस्जिदों में अज़ान का समय भी एक हो। ऐसी खबरें आ रही हैं कि दूसरी मस्जिद कमेटियां भी जुमा मस्जिद से प्रेरणा लेकर उस जैसा ही फैसला ले सकती हैं।

इस इलाके में रहने वाले लोग भी जुमा मस्जिद के इस फैसले से खुश हैं। एक व्यापारी मोहम्मद कोया ने एक अंग्रेज़ी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, 'वालिया जुमा मस्जिद ने एक उदाहरण पेश किया है। इस फैसले से बेतरतीब तरीके से कान फाड़ने वाले लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं होगा। अब राजनीतिक दलों को भी इस बारे में सोचना चाहिये।'

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Source : News Nation Bureau

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