पिनराई विजयन सरकार का दूसरा कार्यकाल 17 नये मंत्रियों के साथ शुरू हुआ, 20 सदस्यीय केरल कैबिनेट ने शुक्रवार को शपथ ली थी. अतीत की तुलना में यह सबसे कम अनुभवी मंत्रिमंडल है, उनमें से कुछ बहुत महत्वपूर्ण विभागों को संभालेंगे और वह भी तब जब राज्य अपने सबसे खराब संकट से जूझ रहा है. कोविड महामारी और ऐसे समय में जब राज्य की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है. प्रशासन के बारे में नए मंत्रियों को प्रशिक्षण का पहला दौर बहुत जल्द माकपा के प्रदेश पार्टी मुख्यालय में शुरू होगा.
प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद, विजयन से अपनी टीम के लिए एक 'क्लास' लेने की उम्मीद की है, जिसमें सत्ता को संभालने के तरीके और इसके साथ आने वाली चुनौतियों के बारे में सभी जानकारी शामिल होगी. संयोग से गुरुवार को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक में विजयन ने एक पूर्ण परिचयात्मक भाषण दिया जिसमें बताया गया कि प्रत्येक को अपना आचरण कैसे करना चाहिए. 20 मंत्रियों में से आठ पहली बार विधायक बने हैं. इनमें विजयन के दामाद पी.ए. मोहम्मद रियाज (लोक निर्माण और पर्यटन), आर. बिंदू (उच्च शिक्षा) सीपीआई-एम के कार्यवाहक राज्य सचिव ए. विजयराघवन की पत्नी, दोनों सीपीआई-एम से हैं.
फिर भाकपा से तीन हैं. जिसमें जी.आर. आईएनएल पार्टी के अनिल (खाद्य और नागरिक आपूर्ति), जे. चिंचूरानी (पशुपालन) और पी. प्रसाद (कृषि) और अहमद देवरकोविल (बंदरगाह) हैं. उपरोक्त के अलावा पी. राजीव (उद्योग) और के.एन. बालगोपाल (वित्त) लेकिन दोनों का राज्यसभा में कार्यकाल रहा है. फिर नौ ऐसे हैं जो अतीत में विधायक रहे हैं लेकिन पहली बार मंत्री हैं और इनमें सीपीआई-एम-एम.वी. के पांच शामिल हैं. गोविंदन (स्थानीय स्वशासन), साजी चेरियन (मत्स्य पालन), वी. शिवनकुट्टी (शिक्षा), वी.एन. वासवन (सहकारिता) और वीना जॉर्ज (स्वास्थ्य) शामिल हैं. उनके अलावा, तीन ऐसे हैं जो अतीत में मंत्री रह चुके हैं. माकपा के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन (देवसोम), ए.के. पिछली विजयन सरकार में परिवहन संभालने वाले राकांपा के शशिन्द्रन को अब वन और पिछली सरकार में जद (एस) के जल संसाधन मंत्री के कृष्णनकुट्टी और अब बिजली विभाग दिया गया है. संयोग से निवर्तमान विजयन कैबिनेट में अनुभवी माकपा के दिग्गज थॉमस इसाक (वित्त), ए.के. बालन (कानून) और जी. सुधाकरन (लोक निर्माण और वामपंथी सहयोगियों से कदानपल्ली रामचंद्रन (बंदरगाह) और मैथ्यू टी थॉमस (जल संसाधन) थे, जिनके पास बहुत अनुभव था.
HIGHLIGHTS
- 20 सदस्यीय केरल कैबिनेट ने शुक्रवार को शपथ ली थी
- अतीत की तुलना में यह सबसे कम अनुभवी मंत्रिमंडल है
Source : IANS