2019 के आम चुनावों को करीब आता देख देश भर की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कैंपेनिंग को तेज कर दिया है। जहां बीजेपी एक बार फिर मोदी सरकार के कार्यकाल में किए गए कामों के सहारे एक बार फिर देश भर में कमल खिलाने की कोशिश में लगी हुई है वहीं सारा विपक्ष एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से दूर रखने की कोशिश में लगा है।
इसी कोशिश के तहत अब 17 राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग करेंगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्षी पार्टियों के साथ मुलाकात कर इल मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी।
पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग के सामने यह मांग उठाएगी और यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो पार्टी आयोग के सामने धरना भी देगी।
मीडिया खबरों के अनुसार ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव की मांग करने वाली पार्टियों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख हैं। हालांकि वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, टीडीपी के अलावा लेफ्ट पार्टियां भी इस मांग के समर्थन में पार्टियां चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग रखेंगी।
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गौरतलब है कि कभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा रह चुकी शिवसेना भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग का समर्थन कर चुकी है।
बता दें कि 2014 के आम चुनावों के बाद से कई मौकों पर विपक्षी पार्टियां ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा चुकी हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने चुनाव में मिली हार का कारण ईवीएम को बताया है।
2017 में हुए यूपी चुनाव में बीएसपी और एसपी को मिली करारी हार के बाद पार्टियों ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात का दावा किया था। वहीं पंजाब चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था।
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Source : News Nation Bureau