संसद सत्र से पहले विपक्षी दलों के के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद सोमवार को 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही केंद्रीय विधेयक बजट भी पारित किया जाएगा वहीं सरकार के प्रमुख एजेंडे तीन तलाक सहित 10 महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार अपना पहला बजट पांच जुलाई को संसद में पेश करेगी.
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सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को बताया कि संसद का यह सत्र 40 दिनों तक चलेगा और और इसमें 30 बैठकें होंगी. उन्होंने बताया कि संसद सत्र के पहले दो दिनों के दौरान नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी.
बता दें कि लोकसभाध्यक्ष का चुनाव 19 जून होगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 20 जून को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे जिसके बाद उनके संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी. आर्थिक सर्वेक्षण संसद में चार जुलाई को पेश किया जाएगा. आर्थिक सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश की जाती है.
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इसके एक दिन बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद वह पहली महिला वित्तमंत्री होंगी जो संसद में बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार ने अपने पूर्व कार्यकाल में एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था क्योंकि आगे लोकसभा चुनाव आने वाला था. पहले पूर्ण बजट में लेखानुदान में की गई अलग अलग घोषणाओं के संबंध में देखा जाएगा कि उन्हें या तो लागू किया जाएगा या आगे बढ़ाया जाएगा.
गौरतलब है कि रविवार को प्रधानमंजत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों के साथ बैठक की गई थी. बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने और सामंजस्य बिठाने के लिए ये बैठक हुई थी. पीएम सभी दलों से समर्थन और सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि राज्यसभा में प्रमुख बिलों को पास करवाया जा सके. राज्यसभा में एनडीए अभी भी अल्पमत में है.
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लोकसभा में एनडीए के पास 545 में से 353 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 245 में से 102 सदस्य एनडीए के हैं. राज्यसभा में एनडीए के अल्पमत में होने से 'तीन तलाक' जैसे बिल के पास कराने में दिक्कत हो सकती है. तीन तलाक सहित कई बिलों को राज्यसभा में इस सत्र में पेश किया जाना है. पिछली लोकसभा में तीन तलाक बिल राज्यसभा में अटक गया था. ना केवल विपक्ष बल्कि बीजेपी के सहयोगी दल नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इसका विरोध किया था.
तीन तलाक के अलावा सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक, 2019 और आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 शामिल हैं. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को दंडनीय अपराध बनाता है. इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों की आपत्तियों का सामना करना पड़ा था. बजट सत्र 26 जुलाई तक चलेगा.