त्रिपुरा के खोवई जिले में 18 रोहिंग्या शरणार्थियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया जिसमें तीन बच्चे और चार महिलाएं शामिल थीं। पुलिस ने इन सभी को देश के अंदर अवैध रूप से घुसने के कारण गिरफ्तार किया।
जानकारी के मुताबिक, म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थी जो बांग्लादेश की तरफ से त्रिपुरा के अंदर अवैध तरीके से घुस रहे थे, उन्हें तेलियामुरा इलाके में गिरफ्तार किया गया।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, रोहिंग्याओं ने राज्य में प्रवेश किया और वे सभी रोजगार की तलाश में दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे।
त्रिपुरा पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर रंजीत देबनाथ ने कहा, 'हमें जानकारी मिली कि कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग (जो रोहिंग्या थे) बस से गुवाहाटी जा रहे थे। सर्च के दौरान, हमने म्यांमार के 11 पुरुष, तीन महिलाओं के साथ चार बच्चों को देखा। उनमें 6 लोगों ने पहचान पत्र दिखाए बांकी लोग नहीं दिखा पाए।'
पुलिस ने कहा, 'पहचान पत्र के मुताबिक वे म्यांमार के नागरिक थे और भारत में शरण लिए थे। उनकी गतिविधियां संदिग्ध थी इसलिए उनसे पूछताछ की जा रही हैं।'
गिरफ्तार लोगों में एक रोहिंग्या सैफुल्ला ने कहा, 'मैं यहां अपनी बहन के साथ हूं और मैं भारत 6 महीने पहले आया था और दिल्ली में रह रहा हूं। मूलत: हम म्यांमार से हैं और यहां काम की खोज में आए हैं। हम यहां 8-10 दिनों पहले अगरतला में आया था लेकिन मैं नहीं जानता हूं कि किस सीमा से अंदर आया।'
इससे पहले भी कई रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश की तरफ से त्रिपुरा और उत्तर-पूर्व राज्यों में अवैध तरीके से घुसे थे लेकिन उन्हें सुरक्षा कारणों से वापस भेज दिया गया था।
इसी साल 14 जनवरी को उत्तरी त्रिपुरा जिले के धर्मनगर रेलवे स्टेशन से छह रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया गया था।
वहीं पिछले साल 29 नवंबर को अगरतला शहर से 10 किलोमीटर दूर पश्चिमी त्रिपुरा जिले में खायेरपुर बाजार इलाके में आठ रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया गया था।
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HIGHLIGHTS
- गिरफ्तार लोगों में तीन बच्चे और चार महिलाएं शामिल
- संदिग्ध गतिविधियों के कारण पुलिस ने किया गिरफ्तार
- पुलिस ने कहा कि रोजगार की तलाश में दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे
Source : News Nation Bureau