प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी जन धन योजना की सफलता के बाद भी भारत में 19 करोड़ व्यस्कों के पास बैंक अकाउंट नहीं हैं।
वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि चीन के बाद भारत में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या ऐसी है, जिसके पास बैंक अकाउंट नहीं है।
वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल तक लगभग आधे जन धन बैंक अकाउंट इनएक्टिव थे। हालांकि वर्ल्ड बैंक ने मोदी सरकार के वित्तीय समावेशन योजना जन धन योजना की तारीफ की है। इस योजना के जरिये मार्च 2018 तक 31 करोड़ अतिरिक्त भारतीय औपचारिक बैंकिंग सिस्टम के दायरे में लाए गए हैं।
वर्ल्ड बैंक ने यह भी कहा है कि बैंक अकाउंट वाली देश की व्यस्क जनसंख्या 2011 की तुलना में दोगुनी होकर 80 प्रतिशत हो गई है। जन धन योजना को मोदी सरकार द्वारा 2014 में लॉन्च किया गया था।
वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए ग्लोबल फिनडेक्स डाटाबेस के मुताबिक दुनिया के बिना बैंक एकाउंट वाले व्यस्कों की कुल संख्या में से 11 प्रतिशत भारत में हैं। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि चीन और भारत में सबसे ज्यादा बिना बैंक अकाउंट वाले लोग रहते हैं और इसका कारण इनकी अधिक जनसंख्या होना है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में 22.5 करोड़ वयस्क बैंकिंग सेवाओं से वंचित है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 19 करोड़ का है। इसके बाद पाकिस्तान में 10 करोड़ और इंडोनेशिया में 9.5 करोड़ है।
रिपोर्ट में कहा गया, 'इन चार अर्थव्यवस्थाओं के साथ तीन अन्य नाइजीरिया, मैक्सिको और बांग्लादेश को मिलाने पर बैंकिंग सेवाओं से वंचित दुनिया की आधी आबादी बनती है।'
हालांकि इसमें कहा गया कि जन धन योजना नीति से देश में खाताधारकों की संख्या नाटकीय रूप से बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2014 से 2017 के बीच दुनिया भर में 51.4 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए।
मोदी सरकार ने 2014 में बैंक अकाउंट खोलने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया और आधार के जरिये बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के बैंक एकाउंट खोले। वर्ल्ड बैंक ने इस बात पर चिंता जताई कि इनमें से लगभग आधे एकाउंट पिछले साल तक इनएक्टिव थे।
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कैश से डिजिटल पेमेंट की तरफ आने से भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है और दक्षता को सुधारा जा सकता है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि नकदी के बजाये बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड के जरिये भुगतान शुरू करने के बाद पेंशन भुगतान में होने वाली गड़बड़ी में 47 प्रतिशत की कमी आई है।
दुनियाभर में 1.7 अरब व्यस्क अभी भी बिना बैंक अकाउंट के हैं। हालांकि इनमें से दो तिहाई के पास मोबाइल फोन है, जो फाइनेंशियल सर्विसेस तक पहुंच बनाने में उनकी मदद कर सकता है।
Source : News Nation Bureau