Advertisment

सज्जन कुमार के खिलाफ मुख्य गवाह ने कोर्ट में बताया रोंगटे खड़े कर देने वाला सच...

कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. इतना ही नहीं अन्य दो दोषियों पूर्व एमएलए महेंद्र यादव और किशन खोखर की तीन साल की कारावास की सज़ा बढ़ाकर 10 साल कर दी है.

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
सज्जन कुमार के खिलाफ मुख्य गवाह ने कोर्ट में बताया रोंगटे खड़े कर देने वाला सच...

सज्जन कुमार को आजीवन कारावास

Advertisment

1984 सिख दंगा मामले में निचली अदालत से बरी किए गए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. इतना ही नहीं अन्य दो दोषियों पूर्व एमएलए महेंद्र यादव और किशन खोखर की तीन साल की कारावास की सज़ा बढ़ाकर 10 साल कर दी है. इसके अलावा कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अफसर कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल की उम्रकैद की सज़ा को बरकरार रखी है.

कोर्ट में फैसला पढ़ते हुए जस्टिस मुरलीधर भावुक हो गए. उन्होंने कहा, '1947 में विभाजन का दंश झेलने के बाद 1984 में ये सबसे बडा नरसंहार था, जिसमे इतने बड़े पैमाने पर त्रासदी झेलनी पड़ी. ये पूरे सिस्टम की विफलता है. साफ है कि दंगाइयों को राजनीतिक संरक्षण हासिल था. पुलिस मूकदर्शक बनी रही.'

बता दें कि सजज्न कुमार को 1 नवंबर 1984 को दिल्ली कैंट इलाके के राजनगर इलाके में हुई पांच सिखों की हत्या मामले में दोषी करार दिया गया है. इस मामले में निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था जबकि कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अफसर कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सज़ा और बाकी दो दोषियों पूर्व एमएलए महेंद्र यादव, किशन खोखर को तीन साल की सज़ा सुनाई थी.

पिछले महीने दिल्ली कोर्ट में मुख्य गवाह ने सुनवाई के दौरान बताया कि उसने सज्जन कुमार को यह कहते हुए देखा था कि 'सिखों को मार दो' (अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक) 

चाम कौर ने ज़िला जज़ पूनम ए बंबा को बताया, 'मैने सज्जन कुमार को 1984 में दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाक़े में भीड़ को संबोधित करते हुए देखा.' कौर ने कहा, '31 अक्टूबर 1984 को हमलोग टीवी पर इंदिरा गांधी की हत्या की ख़बर देख रहे थे. 1 नवंबर 1984 को जब मैं अपनी बकरी को ढूंढ़ने बाहर निकली तो मैनें देखा कि आरोपी सज्जन कुमार भीड़ को संबोधित कर रहे थे. वह कह रहे थे कि हमारी मां मार दी. सरदारों को मार दो. मैं तुरंत वापस लौटी और अपने पड़ोसियों से भी यह बात कही. उसके बाद हमलोग दूसरे फ़्लोर पर चले गए और रात में अपने बच्चों और परिवारवालों को वहीं पर छिपा कर रखा. हमलोग पूरी रात वहीं पर छिपे रहे.'

उन्होंने आगे बताया, '2 नवम्बर 1984 को मेरे पिता सरदार जी सिंह और मेरे बेटे कपूर सिंह को दूसरे फ़्लोर से खींच कर बाहर लाया गया. उन्हें बुरी तरह पीटा गया और छत से नीचे फेंक दिया गया. यहां तक कि मुझे भी पीटा गया जिससे मुझे काफी चोट आई. मेरे सिर पर अभी भी दाहिने हिस्से में चोट के निशान मौज़ूद हैं.'

कौर ने कोर्ट में सज्जन कुमार की पहचान करते हुए कहा, 'मैं उन्हे पहचान सकती हूं. क्योंकि पहले भी हमलोग राशन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के लिए उनके पास जाया करते थे. वो हमारे सांसद/विधायक थे इसलिए काग़ज़ पर दस्तख़त करवाने दाया करते थे.'

जब सभी आरोपियों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने कौर से पूछा कि क्या कोई पुलिस उनकी मदद के लिए आया था, तो उन्होंने कहा, 'हमें वहां से निकालने कोई पुलिसवाला नहीं आया था. जब पुलिसवाले ही मार रहे थे तो पुलिस ने हमें क्या ले जाना था.'

और पढ़ें- 1984 सिख दंगा: दिल्ली HC ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया, आजीवन कारावास की सजा

बता दें कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार 14वीं लोकसभा में बाहरी दिल्ली से सांसद थे.

Source : News Nation Bureau

Sikhs sajjan kumar 1984 Riots Key Witness
Advertisment
Advertisment
Advertisment