सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 1984 में सिखों के खिलाफ हुए दंगों से संबंधित 241 मामलों को बंद किए जाने से संबंधित रिपोर्ट के औचित्य की जांच के लिए अपने दो रिटायर जजों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया।
इन मामलों की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने की थी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय तथा न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की पीठ ने 1984 के दंगा मामलों की जांच और इसकी रिपोर्ट सौंपने के लिए सुपरवाइजरी कमेटी को तीन माह का समय दिया है।
शीर्ष अदालत का आदेश केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को इस मामले में अंतिम निर्णय उस पर छोड़े जाने के बाद आया। न्यायालय को बताया गया कि एसआईटी ने 250 मामलों की जांच की और इनमें से 241 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। दो मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
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Source : IANS