Advertisment

1984 Trilokpuri case: 1984 त्रिलोकपुरी सिख विरोधी दंगों में शामिल 23 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

इसके पहले इन दोषियों को दिल्ली हाई कोर्ट से पांच साल की सजा मुकर्रर की गई थी.

author-image
Vikas Kumar
एडिट
New Update
1984 Trilokpuri case: 1984 त्रिलोकपुरी सिख विरोधी दंगों में शामिल 23 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

1984 सिख दंगों में 23 को मिली जमानत

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 त्रिलोकपुरी इलाके में हुए सिख दंगों में 23 दोषियो को बेल दे दी है. ये दंग प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के इन दंगों में करीब 3000 लोगों ने अपनी जान गवाई थी. इसके पहले इन दोषियों को दिल्ली हाई कोर्ट से पांच साल की सजा मुकर्रर की गई थी. इस फैसले को दोषियों ने सुप्रींम कोर्ट ने चुनौती दी थी. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि दंगे के 15 दोषियों ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.

इन 15 आरोपियों को चश्मदीद गवाहों के न होने की वजह से आरोप मुक्त कर दिया गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को दंगे करने, घर जलाने, कर्फ्यू के हनन का दोषी करार देते हुए लोवर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था.

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने इन 15 लोगों को दंगा भड़काने का दोषी देते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए अपने फैसले में कहा कि इन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है और किसी गवाह ने सीधे इन लोगों की पहचान नहीं की थी ऐसे इन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

यह भी पढे़ं: 'पीएम मोदी ने भारतीय हितों को धोखा दिया है', ट्रंप के बयान के बाद हमलावर हुए राहुल गांधी

बता दें कि 1984 में पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुए दंगों के सिलसिले में दायर 88 दोषियों की अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी 88 दोषियों की सजा को बरकरार रखा था, लेकिन इनमें से सिर्फ 47 लोग ही जिंदा हैं, जबकि अन्य दोषियों की अदालती कार्रवाई के दौरान ही मौत हो गई.

31 अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में व्यापक स्तर पर सिख विरोधी दंगे भड़के और लोगों ने सिखों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था. दिल्ली में हुए कत्लेआम के बाद सबसे ज्यादा सिखों की मौत कानपूर में हुई. कानपुर में 300 से अधिक सिखों के मारे जाने और सैकड़ों घर तबाह होने के आरोप लगते आए हैं.

यह भी पढे़ं: RERA के तहत आम्रपाली ग्रुप की सभी कंपनियों के रजिस्‍ट्रेशन रद्द, CMD और निदेशकों पर होंगे मुकदमे

हालांकि, इस मामले की जांच कर रही रंगनाथ मिश्रा आयोग ने महज 127 सिखों की मौत दर्ज की है. सिखों संप्रदाय आरोप लगाता है कि कानपुर में सिखों का कत्लेआम किया गया लेकिन काफी दिनों तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. बाद में जब एफआईआर दर्ज की गई तो स्टेटस रिपोर्ट में कोई पुख्ता सबूत नहीं होने की बात कहकर केस को खत्म कर दिया गया था.

HIGHLIGHTS

  • सुप्रीम कोर्ट ने 1984 त्रिलोकपुरी इलाके में हुए सिख दंगों में 23 दोषियो को दी बेल.
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने इन 15 लोगों को दंगा भड़काने का दोषी देते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई थी.
  • इस फैसले को दोषियों ने सुप्रींम कोर्ट ने चुनौती दी थी.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court नेहरु कप 1984 Convicts bail Trilokpuri 1984 Riots 1984 Sikh Riots Case 84 Sikh Riots
Advertisment
Advertisment