1993 मुंबई धमाकाः 24 साल बाद मिला इंसाफ, जानें क्या थी प्लानिंग और कैसे दिया अंजाम?

24 साल पहले मुंबई के होटल में बनाई थी धमाकों की योजना, कैसे हुई थी पूरी प्लानिंग और कैसे केस चढ़ा परवान। जानें कब-कब,क्या-क्या हुआ?

author-image
Shivani Bansal
एडिट
New Update
1993 मुंबई धमाकाः 24 साल बाद मिला इंसाफ, जानें क्या थी प्लानिंग और कैसे दिया अंजाम?

अबू सलेम को उम्रकैद (फाइल फोटो)

Advertisment

मुंबई बम धमाके में टाटा कोर्ट ने अबु सलेम को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। साथ ही अन्य आरोपियों में करीमुल्लाह को उम्र कैद और 2 लाख रुपये जुर्माना इसके अलावा ताहिर मर्चेंट को फांसी की सजा सुनाई गई है।

मुंबई बम धमाके में करीब 257 लोग मारे गए थे और करीब 700 से ज़्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे। इस धमाके में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति स्वाहा हो गई थी।

गुरुवार को आए फैसले से पहले एक झलक में जानें अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ।

1 जनवरी, 1993: मोहम्मद दौसा ने मुंबई के पनवेल में होटल पर्शियन दरबार में पहली बैठक बुलाई।

19 जनवरी, 1993: दाउद इब्राहिम और टाइगर मेमन ने दोबारा दुबई में एक बैठक रखी और धमाके की योजना का ब्लूप्रिंट तैयार किया। टाइगर ने आर्म्स और एम्युनिशेन और धमाके के लिए सामग्री जुटाने की ज़िम्मेदारी ली थी। धमाके के लिए हथियार और धमाके संबंधी सामग्री दुबई और पाकिस्तान से समुद्र के ज़रिए लाए गए थे।

LIVE: 1993 मुंबई धमाका मामला: ताहिर को फांसी, अबू को उम्र कैद

2 फरवरी-8 फरवरी 1993: रायगढ़ जिले के शेखाड़ी तट पर आरडीएक्स जैसे हथियार, गोला-बारूद, डेटोनेटर, हाथ ग्रेनेड और विस्फोटकों की दो और खेप भेजी गई।

4 मार्च, 1993: टाइगर मेमन ने धमाके की तैयारी के लिए ताज महल होटल में बैठक बुलाई।

7 मार्च, 1993: इसके बाद शफी के घर एक और बैठक हुई जहां टाइगर मेमन ने लक्ष्य के लिए अलग-अलग ग्रुप का निर्माण किया।

8 मार्च, 1993: बबलू के घर फिर एक बैठक हुई जहां टाइगर मेमन ने लक्ष्यों को निर्धारित किया।

10 मार्च, 1993: मोबिन एलियास बायामूसा भिवांडीवाला के घर बैठक हुई। इसके बाद दूसरी बैठक में टाइगर मेमन ने ग्रुप के प्रत्येक व्यक्ति को 5000 रुपये दिए और फिर ग्रुप बनाए।

11 मार्च, 1993: माहिम की दरगाह स्ट्रीट पर अल हुसैनी बिल्डिंग में एक बैठक हुई, जहां योजना की बारिकीयां निर्धारित की गई। षड्यंत्र में शामिल अन्य लोगों ने अल-हुसैनी बिल्डिंग के गैराज में आरडीएक्स और विस्फोटक पदार्थ इकट्ठा किए।

1993 बम धमाका: सीबीआई ने फिरोज और दोसा के लिए मांगी फांसी की सजा

12 मार्च, 1993: मुंबई में अलग-अलग जगहों पर विस्फोटक प्लांट किए गए। इसके बाद एक के बाद एक शहर में हुए 12 धमाकों ने मुंबई शहर को हिला कर रख दिया। इन धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई और 713 लोग घायल हो गए।

तारीख दर तारीख ऐसे बढ़ा केस -

4 नवंबर, 1993: 189 लोगों के खिलाफ प्राथमिक चार्जशीट दर्ज की गई जिसमें फिल्म अभिनेता संजय दत्त भी शामिल था।

19 नवंबर, 1993: केस सीबीआई को सौंपा गया।

1 अप्रैल, 1994: टाडा कोर्ट शहरी सेशन और सिविल कोर्ट से अलग आर्थर रोड पर सेंट्रल जेल के अंदर एक इमारत में शिफ्ट की गई।

मार्च, 1995: पीडी कोडे को टाडा स्पेशल कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।

अप्रैल, 1995: टाडा कोर्ट ने 26 आरोपियों को बरी कर दिया और बाकी बचे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो और आरोपियों (अबु असीम आज़मी जो अभी सपा से सांसद है और अमजेद मेहर) को बरी कर दिया। 

1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस: अबु सलेम-मुस्तफा दोसा समेत 6 दोषी, पढ़ें पूरा मामला

अप्रैल, 1995: मामले में मुकदमा शुरू होता है

अक्टूबर, 2000: अभियोजन पक्ष के गवाहों की परीक्षा समाप्त हुई।

अगस्त 2001-अगस्त 2002: अभियोजन और बचाव पक्षों की बहस पूरी

2005: पुर्तगाल के अधिकारियों ने अबु सलेम के प्रत्यर्पण की मंज़ूरी इस शर्त पर दी कि उसे सिर्फ उम्रकैद या 25 साल से ज़्यादा की सज़ा नहीं दी जा सकती है।

10 अगस्त, 2006: जज कोडे ने कहा कि फैसला 12 सितंबर को सुनाया जाएगा।

12 सिंतबर, 2006: कोर्ट ने फैसला सुनाना शुरु किया और मेमन के परिवार के 4 लोगों को दोषी करार दिया, तीन आरोपियों को बरी किया।

4 दिसंबर, 2006: टाडा जज पीडी कोडे ने केस में अपना न्याय ख़त्म किया

27 जुलाई, 2007: विशेष अदालत ने याकूब मेमन को मृत्युदंड दिया।

19 अक्टूबर, 20102: पुर्तगाल ने भारत को बताता है कि गैंगस्टर और 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपी अबू सलेम को वापस लौटने की आवश्यकता नहीं है, हालांकि नवंबर 2005 में उनका प्रत्यर्पण तीन महीने पहले अपनी ही संविधान न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था।

21 मार्च, 2013: 1993 मुंबई बम धमाकों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अभिनेता संजय दत्त वापस जेल आए। उन्हें सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए अवैध तरीके से हथियार छुपाने के लिए दोषी ठहराया गया था।

5 अगस्त, 2013: सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 45 वर्षीय कथित गैंगस्टर अबू सलेम का भारत प्रत्यर्पण वैध था बावजूद इसके कि बाद में पुर्तगाल की संवैधानिक अदालत ने इसे समाप्त कर दिया था। इस फैसले से सलेम के खिलाफ 1993 मुंबई बम धमाके मामले समेत सभी केसों में ट्रायल का रास्ता खुल सका।

30 जुलाई, 2015: याकूब मेमन को फांसी दे दी गई। 

साल, 2013: कोर्ट ने सालेम के खिलाफ कुछ चार्ज ख़त्म कर दिए जिसमें सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि यह चार्ज पुर्तगाल के साथ भारत के बीच हुई संधि के खिलाफ है।

16 जून, 2017: मुस्तफा दौसा और अबु सलेम समेत 6 लोगों को बम धमाकों का षडयंत्र रचने और सिलसिलेवार बम धमाकों का दोषी करार दिया गया।

7 जून, 2017: टाडा कोर्ट ने अबु सलेम और करीमुल्लाह को उम्र कैद जबकि ताहिर मर्चेंट और फिरोज़ खान, अबदुल रशीद खान को फांसी की सज़ा सुनाई गई।

Source : News Nation Bureau

abu salem 1993 Mumbai Bomb Blast TADA Court Timeline Mumbai bomb blast
Advertisment
Advertisment
Advertisment