कोरोना वायरस से जंग में हर कोई बढ़कर हिस्सा ले रहा है. लॉकडाउन में रहते हुए लोग अपनी तरह से इस 'किलर वायरस' को मारने के लिए काम कर रहे हैं. कुछ लोग सीधे गरीबों तक खाना पहुंचा रहे हैं तो कुछ लोग पीएम केयर फंड में पैसे डोनेट करके अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि 5 साल और 8 साल की दो बच्चियां भी कोरोना के युद्ध में भागीदारी निभाने के लिए आगे आ सकती हैं. झारखंड के गुमला से एक बेहद ही इमोशनल और गर्व से भरने वाली कहानी सामने आई है. चलिए इन दो बच्चियों की कहानी बताते हैं.
गुमला के डीसी शशि रंजन अपने दफ्तर में काम में बिजी थी, इस दौरान दो बच्चियां उनके चेंबर में दाखिल होने के लिए इजाजत मांगने लगी. उनके आग्रह को देखते हुए एक बच्ची को अंदर जाने दिया गया. जैसे ही बच्ची डीसी शशि रंजन के केबिन में दाखिल हुई वैसे ही बच्ची ने उनसे कहा, 'सर हमारे पॉकेट मनी पीएम अंकल को भेज दीजिए.'
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5 साल की श्रेयांसी और 8 साल की प्रियांशी अपने पिता शंकर मिश्रा के साथ डीसी ऑफिस पहुंची थी. उन्होंने अपने पैकेट मनी कमिश्नर शशि रंजन को देते हुए कहा कि ये पैसे पीएम अंकल तक पहुंचा दिया जाए. दोनों बच्चियों ने मिलकर 2,440 रुपए अपने पैकेट मनी से जमा किए थे. वो कोरोना से फाइट में मदद देने के लिए पैसा देना चाहते थे.
बच्चियों से मिलने के बाद डीसी ने कहा कि मुझे इन दोनों बच्चों पर गर्व है. यह बेहद ही अनुकरणीय काम है. उन्होंने कहा कि पैसे को पीएम केयर फंड में भेज दिया गया है.
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वहीं बच्चियों के पिता ने कहा कि उनके दोनो बेटियों कुछ पैसा पॉकेट मनी से बचाए थे. जो पैसे मुझसे और अपने दादी-दादा से लिए थे. जब उन्होंने पीएम मोदी को टीवी पर अपील करते सुना तो उन्होंने अपनी सेविंग लाकर कहा कि इसे पीएम अंकल को दे दो.
जब बच्चियां डीसी को पैसे दे रही थी तब वहां पर आईएएस अधिकारी मनीष कुमार भी मौजदू थे. उन्होंने कहा कि जब बच्चियां ये पैसे दे रही थी तो वह एक गर्व का पल था.
Source : News Nation Bureau