पाकिस्तान में लापता दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के दो मौलवी मिल गये हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोनों मौलवी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की हिरासत में हैं। बता दें कि ये दोनों मौलवी दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह में रहते थे और बुधवार को पाकिस्तान (लाहौर और कराची) से लापता हो गये थे। जिसके बाद भारत ने उच्च स्तर पर पाकिस्तान से इस मसले को उठाया।
मौलवियों के परिवार के अनुसार, इन दोनों को बुधवार को कराची से उड़ान भरना था। आसिफ को विमान में सवार होने की इजाजत दी गई, जबकि नाजिम को लाहौर हवाईअड्डे पर अपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर रोक दिया गया। विदेश मंत्रालय को जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली उन्होंने पाकिस्तान में संबंधित मंत्रालय से बात की।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पाकिस्तान में लापता हुए दो भारतीय सूफी मौलवियों के संबंध में पाकिस्तानी प्रशासन से बात की है। सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, 'भारतीय नागरिक सैयद आसिफ अली निजामी (80) और उनके रिश्तेदार नाजिम अली निजामी आठ मार्च को पाकिस्तान गए थे।' विदेश मंत्री ने कहा, 'हमने इस मामले में पाकिस्तान सरकार से बात की है और उन्हें इस बारे में ताजा जानकारी देने को कहा है।'
बता दें कि दिल्ली की सूफी निजामुद्दीन दरगाह और लाहौर के सूफी दाता दरबार के धर्मगुरुओं की एक दूसरे के यहां जगह आने-जाने की पुरानी परंपरा है। दोनों मौलवी बाबा फरीद की दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए 13 मार्च को लाहौर गए थे। मौलवियों ने 14 मार्च को लाहौर में ही स्थित एक अन्य दरगाह दाता दरबार में भी चादर चढ़ाई थी।
अगले दिन जब वे कराची की उड़ान में सवार होने के लिए हवाईअड्डे पर पहुंचे तो नाजिम अली निजामी को कुछ कागजातों की जांच पूरी कराने के लिए रोक दिया गया और सैयद आसिफ अली निजामी को विमान में सवार होने को कहा गया था।
उन्होंने कराची हवाईअड्डे पर अपने रिश्तेदारों को उन्हें लेने के लिए बुलाया था, लेकिन वह बाहर नहीं आए। उसके बाद से ही उनका मोबाइल फोन बंद था और भारत में उनका परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा था।
Source : News Nation Bureau