वीर सावरकर के नाम पर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने है. जहां बीजेपी सावरकर को देशभक्त बताती है. वहीं, कांग्रेस उन्हें देश का गद्दार बताती है. कांग्रेस हमेशा कहती है कि सावरकर ने अंग्रेजों से मांफी मांगी थी. वहीं, इस मुद्दें पर न्यूज नेशन से पर डिबेट हुई. जिसमें लेखक विक्रम संपत ने कहा कि वीर सावरकर ने माफी नहीं मांगी थी. वीर सावरकर को देश विरोधी करना गलत है. वीर सावरकर की माफीनामा नहीं है, ये सिर्फ एक याचिका है.
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वीर सावरकर के पोते के पाते रणजीत सावरकर ने कहा कि सावरकर बड़े देशभक्ति थे. सावरकर जी की 1925 में पब्लिश किताब में स्पष्ट हो गया था. रणजीत सावरकर ने कहा कि गांधी जी ने खुद लिखा था कि सावरकर छोड़े. वहीं, महत्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने कहा कि इन लोगों की फितरत है इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश करना.
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वरिष्ठ पत्रकार वैभव पुरंदरे ने कहा कि कांग्रेस से 20 साल पहले वीर सावरकर ने अंग्रेजों से संपूर्ण स्वराज की मांग की थी. वहीं, कांग्रेस नेता सैफ खान ने कहा कि अंग्रेजों को हटाने के लिए वीर सावरकर ने काफी कोशिश की थी, लेकिन वीर सावरकर ने अंग्रेजों को माफी का पत्र लिखा था.
Source : News Nation Bureau