2000 के नोट बंद करने के आरबीआई के ऐलान के बाद लोगों में अफरातफरी मची हुई है. लोग किसी भी तरह अपने पास रखे दो हजार के नोटों से छुटकारा पाना चाहते हैं. बैंकों में सिर्फ 20 हजार तक के नोट ही बदले जा रहे हैं. बैंक खाते में एक लिमिट से ज्यादा कैश जमा नहीं करा सकते. अगर कराते हैं तो उसका जवाब देना पड़ सकता है. ऐसे में लोग दो हजार के नोटों को खपाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. गहने खरीदने से लेकर सामान की शॉपिंग तक और खाने-पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल भरवाने तक में 2000 के नोटों का इस्तेमाल हो रहा है. यहां तक कि लोग अपने 2000 के नोट लेकर भगवान की शरण में भी पहुंच गए हैं. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि लोग कहां-कहां पर अपने गुलाबी नोटों को खपा रहे हैं.
आरबीआई ने 19 मई को 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था. इसके बाद से मार्केट में दो हजार के नोटों का ट्रांजेक्शन काफी बढ़ गया है. बहुत से लोग 2000 के नोटों का इस्तेमाल गहने खरीदने में कर रहे हैं. मुंबई, दिल्ली समेत तमाम शहरों में जूलरी शॉप्स पर गोल्ड खरीदने वालों की संख्या बढ़ गई है. बहुत से कस्टमर खरीदारी के बाद 2000 के नोट पकड़ा रहे हैं. इसे देखते हुए कई सर्राफा दुकानदार तो 'प्रीमियम टैक्स' वसूलने लगे हैं. खबरें बताती हैं कि मुंबई में शनिवार को गोल्ड का ऑफिशियल रेट 63,800 रुपये प्रति 10 ग्राम था. लेकिन दो-दो हजार के नोट देने वाले ग्राहकों को यही सोना 67,000 रुपये में दिया जा रहा था. मुंबई ही नहीं, अहमदाबाद के ग्रे मार्केट में तो दो हजार के नोटों से खरीदे गए गोल्ड की कीमत 70 हजार रुपये तक पहुंच गई. हालांकि ऑल इंडिया जेम एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा का कहना है कि ऐसी खबरें असंगठित सेक्टर से ज्यादा आ रही हैं. वैसे भी एक दिन में दो लाख रुपये से ज्यादा कैश देकर जूलरी खरीदना आयकर नियमों के खिलाफ है. ऐसा करने पर पेनल्टी भी लग सकती है.
पेट्रोल पंपों पर 2000 के नोट खपाने वालों की संख्या में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखी गई है. महानगरों में ही नहीं, छोटे शहरों में भी लोग वाहनों में पेट्रोल डीजल डलवाने के बाद कैश पेमेंट ज्यादा कर रहे हैं. दो-दो हजार के नोटों की बाढ़ से पेट्रोल पंप संचालक भी हैरान हैं. ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने भी इसकी पुष्टि की है. एसोसिएशन के मुताबिक, शुक्रवार से पहले देश के पेट्रोल पंपों पर 2 हजार के नोटों में कैश ट्रांजेक्शन लगभग 10 फीसदी होता था, लेकिन आरबीआई के ऐलान के बाद यह 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है. पहले रोज की टोटल सेल का 40 फीसदी लेनदेन डिजिटल तरीकों से होता था, वह अब 10 प्रतिशत तक सिमट गया है. एसोसिएशन का कहना है कि ऐसा ही चलता रहा तो समस्या खड़ी हो जाएगी. पेट्रोल पंपों संचालकों के सामने छोटे नोटों का संकट खड़ा हो गया है. कई जगह तो बोर्ड लगाने पड़े हैं कि उनके यहां 2000 के नोट से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा.
2 हजार के नोट खपाने का एक और तरीका जो लोगों ने निकाला है, वह है सामान मंगवाकर कैश ऑन डिलीवरी में दो हजार के नोट देना. फूड डिलीवरी प्लैटफॉर्म जोमैटो ने खुद बताया है कि 19 मई के बाद से कैश डिलीवरी पर फूड ऑर्डर में भारी इजापा हुआ है. उसने चौंकाने वाला ये भी खुलासा किया कि इनमें से 72 फीसदी ऑर्डर में ग्राहक दो-दो हजार के नोट दे रहे हैं. सिर्फ खाने-पीने की चीजों में ही नहीं, फ्लिपकार्ट अमेजन जैसे ई-कॉमर्स साइटों को भी दो-दो हजार के नोटों में पेमेंट किया जा रहा है. होटलों और अपमार्केट रेस्तरांओं में भी कैश पेमेंट काफी बढ़ गया है. इन जगहों पर पहले अधिकतर कस्टमर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते थे, या फिर डिजिटल भुगतान के अन्य तरीके अपनाते थे. लेकिन बताया जा रहा है कि अब यहां कैश ट्रांजेक्शन काफी बढ़ गया है. कैश में भी 2000 के नोट काफी आ रहे हैं. मुंबई में राडो स्टोर के मैनेजर का कहना है कि आरबीआई की घोषणा के बाद उनके स्टोर पर 60 से 70 फीसदी पेमेंट 2000 के नोटों में हो रहा है.
सिर्फ ऐसा नहीं है कि लोग खरीदारी में ही 2000 के नोटों का इस्तेमाल कर रहे हैं. बहुत से लोग अपने गुलाबी नोट लेकर भगवान की शरण में पहुंच गए हैं. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में सांवलिया सेठ मंदिर का प्रसिद्ध मंदिर है. हाल में मंदिर के दानपात्र खोलकर चढ़ावे का हिसाब किताब किया गया. इस दौरान दो-दो हजार के 3939 नोट मिले. गिनती में यह रकम 78 लाख से अधिक बैठती है. यह सिर्फ एक मंदिर का मामला नहीं है. हिमाचल के कांगड़ा में ज्वालामुखी देवी मंदिर में 20 मई को एक श्रद्धालु ने दो-दो हजार के 400 नोट चढ़ाए. हिमाचल में ही चिंतपूर्णी देवी मंदिर में चार दिनों के अंदर चार लाख से ज्यादा के 2000 के नोट चढ़ाए गए हैं. मंदिर प्रशासन के अनुसार, 20 से 23 मई के बीच दानपात्रों में 32 लाख रुपये का चढ़ावा आया था. इसमें 209 नोट दो-दो हजार के थे. नयना देवी मंदिर में भी 19 से 22 मई के बीच 2000 के 357 नोट दानपात्र में मिले हैं. देश के अन्य मंदिरों में भी यही स्थिति है.
इसमें कोई दो राय नहीं कि देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपनी काली कमाई दो-दो हजार के नोटों में जमा कर रखी है. नोट वापसी के ऐलान के बाद उनकी नींद उड़ गई है. उनके सामने समस्या ये है कि वे अपनी इस अघोषित दौलत को न तो खाते में जमा कर सकते हैं, और न ही बैंक से बदलवा सकते हैं. वजह ये है कि 50 हजार से ज्यादा कैश डिपॉजिट करने पर बैंक पैन कार्ड या आधार कार्ड जैसी डिटेल मांगता है. 2 हजार के नोट बदलवाने पर आरबीआई ने लिमिट लगा दी है. एक दिन में सिर्फ 20 हजार के नोट ही बदले जा रहे हैं. ऐसे में लोग तरह-तरह की जुगाड़ लगा रहे हैं कि अपने पास जमा 2000 के नोटों को कहां ठिकाने लगाएं. इसी कवायद में वह नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau