गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की सजा फांसी से उम्रकैद में बदल दी है।
साथ ही हाईकोर्ट ने रेलवे और सरकार को अहम आदेश देते हुए कहा कि वह गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में जान गंवाने वाले सभी लोगों को 10 लाख रुपये 6 हफ्ते के भीतर दे।
आपको बता दें की एसआईटी कोर्ट ने 1 मार्च, 2011 को गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में 31 लोगों को दोषी पाया था और 63 को बरी कर दिया था। अदालत ने दोषी पाए गए लोगों में से 11 लोगों को फांसी और 20 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
एसआईटी कोर्ट के फैसले को दोषियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। दोषी ठहराए गए लोगों का कहना था कि उन्हें न्याय नहीं मिला है। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी 31 दोषियों को उम्रकैद की सजा काटनी होगी।
हालांकि, राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी।
साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर आग लगा दी गई थी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे। गोधरा ट्रेन अग्निकांड में मारे गए अधिकतर लोग कार सेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे।
मामले की जांच करने के लिये गुजरात सरकार की तरफ से गठित नानावती आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि एस-6 कोच में लगी आग दुर्घटना नहीं थी, बल्कि उसमें आग लगाई गई थी।
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HIGHLIGHTS
- गोधरा कांड मामले में गुजरात HC 11 की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला
- 2002 के गोधरा कांड में 59 कार सेवक मारे गए थे
- विशेष अदालत ने 2011 को इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था और 63 को बरी कर दिया था
Source : News Nation Bureau