हैदराबाद की मक्का मस्जिद धमाका मामले में स्वामी असीमानंद की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। हैदराबाद की अदालत ने उन्हें जमानत दी है। असीमानंद जल्द ही जेल के बाहर आ सकते हैं।
असीमानंद पर 2007 में मक्का मस्जिद में हुए धमाकों में शामिल होने का आरोप है और इसी सिलसिले में उनपर मुकदमा चल रहा है। फिलहाल वो जयपुर की जेल में हैं। इस घटना में नौ लोग मारे गए थे।
हाल ही में असीमानंद को अदालत ने अजमेर ब्लास्ट मामले में बरी किया है। इसके अलावा मालेगांव और समझौता धमाके मामले में पहले ही उन्हें जमानत मिल चुकी है।
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हैदराबाद की अदालत के जमानत देने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बेल की कॉपी शुक्रवार को मिलेगी, जिसके ही असीमानंद को मिली जमानत का विरोध करना है या नहीं इस पर फैसला किया जाएगा।
असीमानंद को निर्देश दिया गया है कि वो अदालत की इजाजत के बगैर हैदराबाद से बाहर नहीं जाएंगे और जरूरत पड़ने पर मुकदमे की सुनवाई के लिए उपस्थित रहेंगे।
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एनआईए ने 2007 के समझौता ट्रेन धमाके मामले में असीमानंद की जमानत का विरोध नहीं किया था। असीमानंद समझौत ट्रेन ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में से एक है। 2014 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने असीमानंद को इस मामले में जमानत दी थी।
8 मार्च को असीमानंद और छह अन्य को 2007 के अजमेर विस्फोट मामले में जयपुर की एक अदालत ने बरी कर दिया था। मक्का मस्जिद मामले में कुल 166 गवाहों से मुकदमे के दौरान पूछताछ की गई है और 100 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जानी अभी बाकी है।
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इस मामले के आठ आरोपियों में तीन पहले से जमानत पर हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यह मामला सीबीआई से अपने हाथ में ले लिया था।
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Source : News Nation Bureau