मक्का मस्जिद ब्लास्ट के मामले में हैदराबाद कोर्ट ने असीमानंद को जमानत दे दिया है। असीमानंद पर आरोप है कि मस्जिद के बाहर उन्होंने विस्फोटक साम्रगी रखी थी। इस विस्फोट में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
मामले की सुनवाई करते हुए हैदराबाद की एक अदालत ने उन्हें 2007 में हुए इस ब्लास्ट के मामले में बेल दे दिया। असीमानंद पर समझैता एक्सप्रेस और मालेगांव में हुए धमाके को लेकर भी उन पर आरोप लग चुका है।
असीमानंद पर अजमेर ब्लास्ट का भी आरोप लगा था। इस मामले में वे मुख्य आरोपी थे लेकिन सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें हाल ही में बरी कर दिया था। अजमेर धमाका 11 अक्टूबर 2007 को हुआ था जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि 15 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।
कौन हैं असीमानंद
असीमानंद का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था उनके पिता देश के स्वतंत्रता सेनानी रह चुके थे। असीमानंद अपने 6 भाई-बहनों में से एक थे। छात्र जीवन में ही असीमानंद राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानि की आरएसएस से जुड़ गए थे।
फिजिक्स में स्नातक करने के बाद असीमानंद साल 1977 में आरएसएस के फुल टाइम प्रचारक बन गए थे। असीमानंद को ये नाम उनके गुरु स्वामी परमानंद ने दिया था। असीमानंद 1988 तक अपने गुरु के साथ बर्धवान में ही रहते थे ।
इसे भी पढ़ेंः अजमेर ब्लास्ट केस: स्वामी असीमानंद बरी, भावेश, सुनील जोशी, देवेंद्र गुप्ता दोषी करार
2007 में राजस्थान के अजमेर शरीफ में हुए ब्लास्ट केस में जब राजस्थान एटीएस ने देंवेंद्र गुप्ता नाम के शख्स को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की तो उसने एटीएस को बताया कि इसके लिए उसे असीमानंद और सुनील जोशी नाम के शख्स ने अजमेर शरीफ और हैदराबाद के मक्का मस्जिद में ब्लास्ट करने के लिए उसपर दबाव डाला था।
इसे भी पढ़ेंः असीमानंद को बरी किये जाने पर पाकिस्तान ने जताया विरोध, भारत ने कहा- ये हमारी न्याय प्रक्रिया में दखलंदाजी
उसी वक्त राजस्थान एटीएस के रडार पर आए असीमानंद को 19 नवंबर 2010 को सीबीआई ने उसके हरिद्वार आश्रम से, अजमेर शरीफ, मक्का मस्जिद और समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। असीमानंद पर मालेगांव ब्लास्ट में भी शामिल होने के आरोप हैं।
Source : News Nation Bureau