2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए NIA) की अदालत में आरोप तय कर दिया गया है. इस मामले में सभी 7 आरोपियों पर आतंकी साजिश, हत्या और इससे जुड़ी धाराएं लगाई गई. हालांकि अदालत ने सभी 7 आरोपियों को इन आरोपों में दोषी नहीं करार दिया है. अब इस मामले पर अदालत में 2 नवंबर को सुनवाई होगी. इससे पहले अदालत ने कर्नल श्रीकांत पुरोहित की आरोप न तय करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि आरोप तैयार हैं और आज ही तय किए जाएंगे.
सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने विस्फोट के मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.
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पुरोहित इस मामले के 7 आरोपियों में से एक हैं. हाई कोर्ट ने एनआईए के वकील संदेश पाटिल को मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 नवम्बर तक पुरोहित की अर्जी का एक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाने का पुरोहित का अनुरोध अस्वीकार कर दिया. हाई कोर्ट ने की पीठ ने कहा था कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने ही इस मामले की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.
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बता दें कि उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने से 6 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पुरोहित के अलावा मामले में अन्य आरोपियों में प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (रिटायर) रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau