पीओके में आतंकी कैंपों और लॉन्च पैड को नष्ट करने के लिये पिछले साल की गई सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के वीडियो को उधमपुर और दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर पर लाइव स्ट्रीम किया गया था।
भारतीय सेना ने की उत्तरी कमान के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ डीएस हूडा ने इंडिया टीवी को दिये गए एक इंटरव्यू में बताया, 'हां, हमें ऑपरेशन के लाइव इमेज मिल रहे थे। मैं उधमपुर के कमांड हेडक्वार्टर में बैठकर ऑपरेशन रूम में था। मैने पूरे ऑपरेशन को लाइव देखा कि हमारे जवान किस तरह से हमला कर रहे थे, पूरी फीड दिल्ली स्थिति हेडक्वार्टर को भी मिल रही थी।'
जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली में उसे कौन देख रहा था, तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कौन-कौन उसे दिल्ली में देख रहा था। उधमपुर में हम उसे देख रहे थे और फीड दिल्ली भी भेजा जा रहा था।'
हालांकि उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि लाइव फीड सैटेलाइट से भेजा जा रहा था या फिर किसी दूसरी तकनीक से।
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उन्होंने बताया कि स्पेशल फोर्सेज़ की अंतिम टीम सुबह करीब 6:30 बजे वापस आ गई थी।
उन्होंने कहा, 'कुछ टीमें पहगले ही आ गई थीं। उन लोगों ने टारगेट पर पहले ही हमला कर दिया था। और कु: टीमें बाद में गईं और देर से लौंटीं।'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों में डर पैदा हो गया था। कुछ जगहों में वो अधाधुंध फायरिंग कर रहे थे। हमने भी दूसरी रणनीति भी तैयार कर रखी थी। अगर कोई टीम वापस नहीं आ पाती तो हम दूसरी टीम भेजते और उन्हें वापस लेकर आते।'
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने में एक दिन की देरी हुई थी।
उन्होंने कहा, 'पहले की योजना थी कि फोर्सेज़ 27 सितंबर को जाएंगी, लेकिन 28 को ही ऑपरेशन किया गया।'
पीओके में आतंकी कैंपों और लॉन्च पैड को नष्ट करने के लिये पिछले साल की गई सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के वीडियो को उधमपुर और दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर पर लाइव स्ट्रीम किया गया था।
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भारतीय सेना ने की उत्तरी कमान के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ डीएस हूडा ने इंडिया टीवी को दिये गए एक इंटरव्यू में बताया, 'हां, हमें ऑपरेशन के लाइव इमेज मिल रहे थे। मैं उधमपुर के कमांड हेडक्वार्टर में बैठकर ऑपरेशन रूम में था। मैने पूरे ऑपरेशन को लाइव देखा कि हमारे जवान किस तरह से हमला कर रहे थे, पूरी फीड दिल्ली स्थिति हेडक्वार्टर को भी मिल रही थी।'
जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली में उसे कौन देख रहा था, तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कौन-कौन उसे दिल्ली में देख रहा था। उधमपुर में हम उसे देख रहे थे और फीड दिल्ली भी भेजा जा रहा था।'
हालांकि उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि लाइव फीड सैटेलाइट से भेजा जा रहा था या फिर किसी दूसरी तकनीक से।
उन्होंने बताया कि स्पेशल फोर्सेज़ की अंतिम टीम सुबह करीब 6:30 बजे वापस आ गई थी।
उन्होंने कहा, 'कुछ टीमें पहले ही आ गई थीं। उन लोगों ने टारगेट पर पहले ही हमला कर दिया था। और कु: टीमें बाद में गईं और देर से लौंटीं।'
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उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों में डर पैदा हो गया था। कुछ जगहों में वो अधाधुंध फायरिंग कर रहे थे। हमने भी दूसरी रणनीति भी तैयार कर रखी थी। अगर कोई टीम वापस नहीं आ पाती तो हम दूसरी टीम भेजते और उन्हें वापस लेकर आते।'
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने में एक दिन की देरी हुई थी।
उन्होंने कहा, 'पहले की योजना थी कि फोर्सेज़ 27 सितंबर को जाएंगी, लेकिन 28 को ही ऑपरेशन किया गया।'
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Source : News Nation Bureau