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बड़ा सवाल : क्या 2019 लोक सभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को 'राम' से मिलेगी सत्ता की चाबी

केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी 2014 में किए गए अपने चुनावी वादे को पूरा करने को लेकर कई मोर्चों पर असफल दिख रही है। वहीं कांग्रेस भी किसी दूरदर्शी लक्ष्य के साथ अब तक तैयार नहीं हो पाई है।

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saketanand gyan
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बड़ा सवाल : क्या 2019 लोक सभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को 'राम' से मिलेगी सत्ता की चाबी

बड़ा सवाल शाम 5 बजे

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2019 लोक सभा चुनाव देश के दोनों मुख्य राजनीतिक पार्टियों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के लिए हिंदुत्व की राजनीति में एक-दूसरे को पछाड़कर आगे बढ़ने जैसा बन गया है। दोनों पार्टियों के लिए 2018 के अंत में होने वाले कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव सेमीफाइनल मुकाबले की तरह है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा की काट के लिए कांग्रेस भी अब राज्य में रथ यात्रा निकालने जा रही है। कांग्रेस द्वारा इसे राम पथ का नाम दिया जा रहा है। जहां एक तरफ बीजेपी देश में खुलकर हिंदुत्व की राजनीति करती है तो कांग्रेस पर भी सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति करने का आरोप समय-समय पर लगता रहा है। तो क्या 2019 में भी 'राम' ही दोनों पार्टियों का बेड़ा पार लगाएगी, क्या विकास के मुद्दे गौण हो जाएंगे?

इसी मुद्दे पर आज आपके लोकप्रिय चैनल न्यूज नेशन पर शाम पांच बजे खास शो 'बड़ा सवाल' में बहस होगी। इस बहस में आप भी ट्विटर और फेसबुक के जरिए हिस्सा लेकर एंकर अजय कुमार और मेहमानों से अपने सवाल पूछ सकते हैं।

2019 के महासमर पर चर्चा के लिए हमारे साथ आज की चर्चा में जुड़ेंगे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, पूर्व सांसद राम विलास वेदंती, आचार्य धर्मेंद्र, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल।

इसके अलावा कार्यक्रम में धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन, अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यतिनरसिंहानंद सरस्वती, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता वंदना सिंह और कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा भी शामिल होंगे।

लोक सभा और विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न मुद्दों पर आप भी आज के शो में शामिल मेहमानों से अपने सवाल पूछ सकते हैं। @NewsStateHindi के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर ट्वीट पूछिए अपने सवाल।

केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी 2014 में किए गए अपने चुनावी वादे को पूरा करने को लेकर कई मोर्चों पर असफल दिख रही है। वहीं कांग्रेस भी किसी दूरदर्शी लक्ष्य के साथ अब तक तैयार नहीं हो पाई है।

और पढ़ें : माल्या मामले में झूठ बोल रहे हैं वित्त मंत्री अरुण जेटली, सांठगांठ की वजह से ही हुआ फरार: राहुल गांधी

गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार में भी दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं का 'मंदिर अभियान' जारी था। जाहिर है आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां जनता के अहम मुद्दों को दूर रखकर इसी रणनीति के साथ आगे बढ़ने वाली है।

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Source : News Nation Bureau

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