केरल के एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता यदु विजयकृष्णन ने सोमवार को क्षेत्रीय सेंसर बोर्ड पर उनकी फिल्म '21 मंथ्स ऑफ हेल' को बिना किसी कारण बताए खारिज करने का आरोप लगाया है।
फिल्म निर्माता ने कहा है कि आपातकाल पर आधारित उनकी फिल्म '21 मंथ्स ऑफ हेल' को कोई कारण और सुधार के सुझाव बताए बिना ही केरल स्थित केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने खारिज कर दिया।
यदु विजयकृष्णन ने कहा, 'सेंसर बोर्ड ने पूरी तरीके से मेरी फिल्म को खारिज कर दिया। उन्होंने किसी भी तबदीली का सुझाव नहीं दिया और खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे रिपोर्ट को मुंबई मुख्यालय के पास पुनर्समीक्षा समिति के लिए भेजेंगे।'
विजयकृष्णन ने कहा, 'बीजेपी पर हमारे क्षेत्र के कार्यों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगता है, लेकिन मेरी फिल्म लोकतंत्र के बचाव में आरएसएस और जनसंघ के कार्यों के बारे में बात करती है। इसी तर्क पर हमें सर्टिफिकेट मिलेगा लेकिन सेंसर बोर्ड के कई सदस्यों में वामपंथी और कांग्रेसी हैं।'
सीबीएफसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने 1975 में घोषित आपातकाल के बाद पुलिस के द्वारा की गई ज्यादतियों को दिखाने वाली फिल्म को खारिज किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सेंसर बोर्ड ने फिल्म में अधिक हिंसा, महात्मा गांधी के अपमान, राष्ट्रीय झंडे के अपमान, बिना प्रमाण के आधार पर बनी डॉक्युमेंट्री, इंदिरा गांधी की छवि के मुद्दे को लेकर सर्टिफिकेट देने को खारिज कर दिया।
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HIGHLIGHTS
- आपातकाल पर आधारित है फिल्म '21 मंथ्स ऑफ हेल'
- निर्माता ने कहा कि सेंसर बोर्ड के कई सदस्यों में वामपंथी और कांग्रेसी हैं
Source : News Nation Bureau