अमेरिका और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण बीईसीए समझौते (बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौता) पर हस्ताक्षर हो गए हैं. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भू-स्थानिक नक्शे साझा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. दिल्ली में आज भारत और अमेरिका के बीच तीसरी उच्च स्तरीय 2+2 वार्ता हुई, दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की.
यह भी पढ़ें: अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी खरीद सकेगा जमीन, मोदी सरकार का बड़ा फैसला
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका के अपने समकक्षों माइक पोम्पिओ और मार्क एस्पर के साथ तीसरी ‘टू प्लस टू’ वार्ता की. यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत का पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी विवाद जारी है और (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप का प्रशासन व्यापार शुल्क और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास को लेकर उससे नाराज चल रहा है.
बैठक में भारत और अमेरिका के बीच BECA डील पर सहमति बनी है. इसके तहत दोनों देश आपस में मिलिट्री जानकारी साझा कर सकेंगे. इसके अलावा सैटेलाइट और अन्य अहम इनपुट्स दोनों देश एक दूसरे को दे पाएंगे. इस 2+2 वार्ता के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.
बीईसीए (BECA) समझौता क्या है
दरअसल, बीईसीए (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) समझौता अमेरिक और भारत के रक्षा विभागों के राष्ट्रीय भू-स्थानिक-खुफिया एजेंसी के बीच भू-स्थानिक सहयोग के लिए है. इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को होने वाला है. इससे भारत और अमेरिका एडवांस सैटेलाइट और स्थलाकृतिक डेटा जैसे नक्शे, समुद्री और वैमानिकी चार्ट और रक्षा एवं रणनीतिक क्षेत्रों से जुड़े बेहद संवेदनशील डाटा को एक दूसरे से साझा कर सकेंगे.
यह भी पढ़ें: अमेरिका ने भी भारत को शक्तिशाली माना, साथ काम करने को उत्सुक
इस समझौते के तहत दोनों देश भू-स्थानिक सूचनाएं और खुफिया जानकारियां एक-दूसरे के साथ साझा कर पाएंगे, जिसका रक्षा संबंधी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. बीईसीए भारत का एक महत्वपूर्ण अग्रदूत है, जो अमेरिका से एमक्यू-9बी जैसे मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) को पाने में मदद करेगा. इस समझौते से भारत की पहुंच अमेरिका के विशाल सैटेलाइट नेटवर्क तक हो पाएगी, जिससे वह और अधिक सटीकता के साथ दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना पाएगा.