केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि देश में लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख चुका है या फिर सूखने की कगार पर है. साथ ही, उन्होंने इस प्राकृतिक संसाधन का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. शेखावत ने कहा कि सरकार ने भूमि के नीचे जल धारण करने वाली चट्टानों, रेत या मिट्टी की परतों (एक्वेफर) का मानचित्रण का काम भी शुरू कर दिया है.
जल संकट का सामना कर रहे देश के सभी जिलों में अगले वर्ष मार्च तक यह कार्य हो जाएगा. ‘एक्वेफर’ भूमिगत जल संसाधन हैं जो जल का भंडारण करते हैं. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘भूजल पर हमारी निर्भरता 65 फीसदी है. यह अनंत नहीं है. यह अदृश्य है, इसलिए हमें नहीं पता कि पानी का कितना उपयोग किया जा रहा है.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘लगभग 22 फीसदी भूजल या तो सूख गया है या सूखने की कगार पर है.’’
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केंद्रीय भूजल बोर्ड के अध्यक्ष के सी नाइक ने कहा कि 25 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में भूजल स्तर का मानचित्रण किया जा सकता है, 10.8 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह काम हो चुका है. शेखावत ने कहा, ‘‘हम मार्च तक गंभीर स्थिति वाले जिलों में इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’
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Source : Bhasha