नागरिकता बिल के खिलाफ असम में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. असम सरकार ने सोमवार को कहा कि राज्य में 2016 में सत्ता में आने के बाद 17 जिलों में अब तक कम से कम 245 देशद्रोह के केस दर्ज किए गए हैं. नागरिकता बिल के खिलाफ विरोध कर रहे लोगों पर भी हाल ही में देशद्रोह का केस दर्ज हुआ था. असम में इस बिल का विरोध करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता और किसान नेता अखिल गोगोई के अलावा प्रोफेसर हीरेन गोहैन और पत्रकार मंजीत महंता के खिलाफ देशद्रोह का भी केस दर्ज हो चुका है.
सोमवार को असम विधानसभा में मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि जब से मौजूदा गठबंधन सरकार बनी है, 26 मई 2016 से अब तक 245 लोगों और प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ देशद्रोह के केस दर्ज हुए हैं.
असम में बीजेपी को सत्ता में आए दो साल से कुछ ही समय ज्यादा हुए हैं, इसलिए ये आंकड़े चौंकाते हैं. विधानसभा में कांग्रेस विधायक देबब्रत सैकिया के एक सवाल के जवाब के पहले पन्ने पर 19 जिलों में 251 केस लिखे हुए थे, लेकिन उसी के साथ जुड़े एक अनुलग्नक (एनेक्सचर) में जिलावार जानकारी में बिस्वनाथ (5 मामले) और सदिया (1 केस) दोबारा दर्ज था.
आंकड़ों के अनुसार, कोकराझार जिले में 88 मामले दर्ज किए गए हैं, उसके बाद चिरांग में 43, तिनसुकिया में 40, काचर और गोलाघाट में 19-19 और दिमापुर हसाओ में 11 मामले दर्ज किए गए हैं.
मंत्री ने जवाब में यह भी कहा कि मिलिटैंट ग्रुप उल्फा(आई), एनडीएफबी(एस), एनडीएफबी(बी), केएलओ, एनएसएलए, एनएसएलए (एटी), यूपीएलएफएस, एनएससीएन, डीएचडी, डीएचएनए, एनएससीएन(आईएन), जेडयूएफ और एटीएफ सहित कई अन्य के खिलाफ भी केस दर्ज है.
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आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई के खिलाफ डिब्रुगढ़ और गुवाहाटी में दो देशद्रोह के केस दर्ज हैं जिसमें एक हाल के नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध के दौरान दर्ज किया गया था.
पटवारी ने हालांकि आरोपी नामों और संगठनों के अलावा उनके अपराधों की विस्तृत जानकारी नहीं दी. गृहमंत्री ने सदन को बताया कि इस दौरान असम में दुष्कर्म के 4,944 मामले दर्ज किए गए.
Source : News Nation Bureau