वैश्विक स्तर पर 2021 की तुलना में 2022 में अपनी तिमाही आय फाइलिंग में श्रम की कमी का उल्लेख करने वाली कंपनियों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.एक प्रमुख डेटा एनालिटिक्स कंपनी, ग्लोबलडाटा से पता चला है कि यह हाल के वर्षों में इसका रूझान ऊपर की ओर ही रहा है. उच्चतम श्रम की कमी वाले उद्योगों में निर्माण, प्रौद्योगिकी, पैकेजिंग और उपभोक्ता शामिल हैं. विश्लेषक एकता चौरसिया ने कहा, श्रम की कमी के कारण अधिक महंगे अस्थायी श्रम संसाधनों पर निर्भरता बढ़ी है, लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और साथ ही निर्माण में देरी हुई है.
यूएस-आधारित प्रौद्योगिकी कंपनी जेंडेस्क ने उल्लेख किया कि श्रम की कमी ने वेतन में वृद्धि में योगदान दिया, जिससे इसके खचरें और परिचालन लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. कैपेसिटर और सेमीकंडक्टर्स के एक प्रदाता सर्ज कंपोनेंट्स ने चर्चा की कि श्रम की कमी से उत्पाद बनाने में देरी हुई. कंज्यूमर गुड्स कंपनी कॉनग्रा ब्रांड्स ने कहा कि श्रम की कमी के कारण उत्पादन और वितरण सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं.
पैकेजिंग कंपनी ग्लैटफेल्टर ने चर्चा की कि श्रम की कमी के कारण मात्रा में गिरावट आई, इससे लगभग 9 लाख डॉलर का नुकसान हुआ है. चौरसिया ने कहा,श्रम की कमी व कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है.
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Source : IANS