मनमोहन सिंह की सरकार में हुए कथित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता कनीमोझी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
बरी होने के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने इतिहास की दुहाई देते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने क्रांति की शुरुआत की उसे हमेशा अपराधी ही कहा गया।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने 2जी मामले में बरी होने के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा कि उनके ऊपर 2008 में रेडियो वेव स्पेक्ट्रम के आवंटन में 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप भी गलत साबित हुए और वह आरोपों से दोषमुक्त हुए।
राजा ने एक बयान में कहा, 'मुझे इस फैसले से पहले ही महसूस हुआ था कि मैं दोषमुक्त साबित हो जाऊंगा क्योंकि मेरे द्वारा किए गए कार्यो का परिणाम देश की जनता, खासकर गरीब के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।'
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उन्होंने कहा, 'उन्होंने भारत में दूरसंचार के क्षेत्र में क्रांति लाई है। ऐसा कुछ इतिहास में छिपा नहीं है कि जिस व्यक्ति ने क्रांति की शुरुआत की उसे हमेशा अपराधी ही कहा गया।'
राजा को इस कथित आरोप में 15 महीने की जेल की सजा काटनी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि 'निहित स्वार्थो ने उनके खिलाफ आरोपों को मीडिया का फायदा उठाकर सनसनीखेज बनाया और नकली आरोप मढ़े'।
वहीं डीएमके की सांसद कनीमोझी ने कहा कि यह उनकी पार्टी के एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि 'न्याय की जीत हुई है।' फैसले की घोषणा के बाद कनीमोझी ने मुस्कुराते हुए कहा, 'यह काफी दुखद अनुभव था कि आप उसके लिए आरोपी ठहराए जाएं, जो आपने किया ही नहीं और आप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है, जिसका आप कभी भी हिस्सा नहीं रहे।'
इससे पहले, एक विशेष अदालत ने मामले में द्रमुक नेता और अन्य सभी आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया।
आपको बता दें कि 2जी मामले सामने आने के बाद तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी थी और 2014 संसदीय चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।
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Source : News Nation Bureau