जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने से पहले ही वहां टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई थीं, लेकिन अब हालात सामान्य होने के बाद से क्रमश: टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं बहाल की जा रही हैं. जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में पिछले 12 दिनों से लगी रोक के बाद जम्मू (Jammu) में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं शनिवार को सुबह से बहाल कर दी गईं. राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे कई और रोक भी हटाई जा रही हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही नजरबंद नेताओं की भी रिहाई हो सकती है.
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जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कश्मीर में ज्यादातर फोन लाइनें इस हफ्ते के अंत तक बहाल कर दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि विद्यालय क्षेत्रवार तरीके से अगले हफ्ते खुल जाएंगे. उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को जब पाबंदियां लगाई गई थी तब से न तो किसी की जान गई है और न ही कोई घायल हुआ है. 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को निरस्त कर दिया गया था और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में पाबंदियों में व्यवस्थित तरीके से ढील दी जाएगी.
सुब्रमण्यम ने कहा कि पूरे राज्य से धीरे-धीरे इस पाबंदी को पूरी तरह से खत्म करने की हमारी कोशिश जारी है. इस दौरान आतंकवादी संगठनों द्वारा आतंकी गतिविधियों को संगठित करने में मोबाइल कनेक्टिविटी के इस्तेमाल से उत्पन्न खतरे को ध्यान में रखा जाएगा.
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22 में से 12 जिलों में कामकाज सामान्य
जम्मू कश्मीर के 22 में से 12 जिलों में जनजीवन सामान्य हो गया है. केवल पांच जिलों में ही रात की पाबंदियां अभी लगाई जा रही हैं. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद भी राज्यभर में सबकुछ शांतिपूर्ण रहा. इससे पहले शुक्रवार सुबह राजधानी में सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि लोगों को जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों पर भरोसा करना चाहिए.