2जी घोटाले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 5 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। इससे पहले 25 अक्टूबर को सीबीआई की स्पेशल हाई कोर्ट ने 7 नवंबर की तारीख सजा की तारीख ऐलान करने के लिए सुनिश्चित की थी।
पिछली सुनवाई में अदालत ने सभी आरोपियों को तय तारीख पर कोर्ट में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए थे। देश के बड़े घोटालों में शामिल हुआ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला यूपीए सरकार के समय साल 2010 में हुआ था।
इस मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा समेत कई दिग्गज लोगों के नाम सामने आए थे। इसमें द्रमुक नेता करुणानिधि की बेटी कनिमोझी तक का नाम शामिल था।
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इनके अलावा इस मामले में पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के तत्कालीन निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकाम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा व विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, रिलायंस धीरूभाई अंबानी ग्रुप आरएडीएजी के तीन अधिकारी - गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा व हरी नायर के भी नाम शामिल थे।
पहली बार 2जी घोटाला साल 2010 में सामने तब आया जब सीएजी की एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े हुए।
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इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए 'पहले आओ, पहले पाओ' की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे, जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक के अनुसार सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों का नुकसान हुआ था।
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Source : News Nation Bureau