गुजरात में इस महीने के अंत में होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले बुधवार को कांग्रेस के तीन विधायकों ने गांधीनगर में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात की, जिससे उनके दल-बदल की अटकलें लगनी शुरू हो गईं. हालांकि इन विधायकों ने अफवाहों को दरकिनार कर दावा किया कि वे कोरोना वायरस तथा लॉकडाउन से संबंधित विभिन्न मुद्दों के संबंध में बात करने गए थे. कांग्रेस विधायक किरीट पटेल, ललित वसोया और ललित कागथारा ने बुधवार दोपहर गांधी नगर में राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की. जब उनसे भाजपा नेताओं से अचानक हुई इस मुलाकात के बारे में पूछा गया तो पाटन विधानसभा सीट से विधायक किरीट पटेल ने कहा कि उनमें से कोई भी भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहा.
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पटेल ने पत्रकारों से कहा, ''हम कुछ मांगे लेकर पहले उपमुख्यममंत्री और फिर मुख्यमंत्री से मिलने गए थे. उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के दौरान मैंने पाटन के धारपुर अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया ताकि उत्तरी गुजरात के और अधिक कोरोना वायरस रोगियों का वहां इलाज हो सके.'' कागथारा और वसोया ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान लोगों, विशेषकर किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की.
उधर, कर्नाटक के राजनीतिक हलकों में अटकलें लगायी जा रही हैं कि राज्य की चार राज्यसभा सीटों के होने वाले चुनाव में पूर्व में गठबंधन सहयोगी रहे कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जदएस) एक साथ आ सकते हैं. कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के तहत कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बीके हरिप्रसाद, भाजपा के प्रभाकर कोरे और जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी का कार्यकाल 25 जून को पूरा हो रहा है और इन रिक्त सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है. विधानसभा अध्यक्ष समेत 117 सदस्यों के साथ ही भाजपा चार में से दो सीटों पर जीत सुनिश्चित कर सकती है जबकि 68 विधायकों वाली कांग्रेस एक सीट पर जीत हासिल कर सकती है. एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए कम से कम 44 मतों की आवश्यकता होने के चलते कोई भी दल चौथी सीट को अकेले दम पर हासिल नहीं कर सकता है.
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सूत्र के मुताबिक, कांग्रेस पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को एक सीट से मैदान में उतार सकती है और वह आसानी से जीत सकते हैं लेकिन अगर जद (एस) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें समर्थन देने पर विचार किया जा सकता है. जद (एस) के पास केवल 34 विधायक हैं, ऐसे में वह अपने दम पर एक सीट नहीं जीत सकती और उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत होगी.
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को ऐलान किया कि 10 प्रदेशों में राज्यसभा की 24 सीटों के लिए 19 जून को चुनाव कराए जाएंगे. इनमें से 18 सीटें वो हैं जिनके लिए चुनाव कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे. इन 18 सीटों में से चार-चार सीटें आंध्र प्रदेश और गुजरात से हैं. इसके अलावा झारखंड की दो सीटें हैं जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान से तीन-तीन सीटें हैं. मणिपुर और मेघालय की एक-एक सीट के लिए भी चुनाव होंगे. इसके साथ आयोग ने यह भी कहा कि 19 जून को कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में कुल छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव कराए जाएंगे. कर्नाटक में चार और अरुणाचल प्रदेश एवं मिजोरम में एक-एक सीट के लिए चुनाव होगा. आयोग के मुताबिक, इन सभी 24 सीटों पर मतों की गिनती 19 जून शाम को होगी.
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छह राज्यों से 17 सदस्यों का कार्यकाल नौ अप्रैल को पूरा हुआ, जबकि मेघालय से एक सदस्य का कार्यकाल 12 अप्रैल को पूरा हुआ था. संसद के ऊपरी सदन की 55 सीटों के लिए मूलत: 26 मार्च को चुनाव होना था, हालांकि 37 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए थे. आयोग के मुताबिक, उसने गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों सहित सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद चुनाव कराने का निर्णय लिया. उसने यह फैसला भी किया कि राज्य के मुख्य सचिव एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती करेंगे जो यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव कराने के लिए इंतजाम किए जाते समय कोविड-19 से संबंधित निर्देशों का पालन हो.
Source : Bhasha