दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया. दिल्ली के एस्कार्ट हॉस्पिटल में 3:15 मिनट पर हार्ट अटैक के बाद आखिरी सांस ली. जिस समय शीला दीक्षित का निधन हुआ उस वक्त पंचक लगा था. इसके बाद दो और नेताओं की मृत्यु हो गई. 24 घंटे के अंदर 4 नेताओं की मृत्यु के बाद सोशल मीडिया में ये खबर तेजी से फैलने लगी कि यह पंचक का असर है. हालांकि पंडित अरविंद त्रिपाठी का कहना है कि पंचक का सर रक्त संबधीयों और कुछ सीमित दायरों में ही होता है. शीला दीक्षित का पंचक में निधन और दूसरे नेताओं के निधन में केवल एक दुर्योग है. इसमें पंचक का कोई रोल नहीं है.
दरअसल सावन माह के पवित्र मात्र में पंचक भी शुरू हो गया है. शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 58 मिनट से शुरू हुआ पंचक काल 24 जुलाई को 3 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं. इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक' कहा जाता है. इस दिन यात्रा करने की मनाही होती है. साथ ही इस दिनों में व्यापार लेन देन की भी मनाही होती है.
माना जाता है कि पंचक में यदि किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है. दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान का रविवार दोपहर बाद 1:24 बजे निधन हो गया. रविवार को 1:24 बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल नई दिल्ली में उन्होंने आख़िरी सांस ली.
यह भी पढ़ेंः IAS अफसर से हुई थी शीला दीक्षित की शादी, तस्वीरों में देखें उनके जीवन का सफर
वहीं दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रहे मांगेराम गर्ग का रविवार को निधन हो गया. बालाजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. मांगेराम गर्ग दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष, विधायक और वरिष्ठ संघ सहयोगी रहे थे. रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. पेशे से हलवाई रहे मांगे राम ने 2003 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत हासिल की थी और विधायक बने थे.
शाम होते-होते एक बुरी खबर झारखंड से आ गई. पूर्व लोकसभा सांसद और मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) के संस्थापक एके रॉय(AK Roy) का रविवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया. पार्टी सूत्रों ने बताया कि रॉय 90 वर्ष के थे और अविवाहित थे. वरिष्ठ वाम नेता और सीटू झारखंड प्रदेश समिति के मुख्य संरक्षक को उम्र संबंधी दिक्कतों के कारण आठ जुलाई को यहां केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण उनका निधन हुआ.