कोरोना को लेकर अच्छी खबर आ रही है. भारत को जल्द ही वैक्सीन (vaccine) बनाने में सफलता मिल सकती है. तीन वैक्सीन क्लिनिकल ट्राइल (clinical trial) स्टेज में है. आईसीएमआर (ICMR) के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव (Balram Bhargava) ने कहा कि कैडिला (Cadila) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने फेज-1 ट्राइल पूरा कर लिया है. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) ने फे2 B3 ट्रायल को पूरा कर लिया है. जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद तीसरे फेज का काम शुरू किया जाएगा. जिसके लिए 14 स्थानों पर 1500 रोगियों पर इसका टेस्ट किया जाएगा.
देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है
डॉक्टर भार्गव ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग 100 वर्षों से अधिक समय से किसी न किसी रूप में किया जाता है और विभिन्न वायरस संक्रमणों के लिए किया जाता है. इसका उपयोग COVID 19 में किया जा रहा है. यह मदद करता है या नहीं इसका अध्ययन किया जा रहा है. आज ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता 6,900 मीट्रिक टन से अधिक है. ऑक्सीजन की कमी नहीं है. समस्या तब होती है जब आपके पास इन्वेंट्री प्रबंधन नहीं होने पर सुविधा-स्तर पर होता है. प्रत्येक राज्य को उचित इन्वेंट्री प्रबंधन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि समय में ऑक्सीजन को फिर से भरा जा सके. यह अभी भी सहकर्मी की समीक्षा के दौर से गुजर रहा है.
हमारे यहां कई मौतें नहीं हुईं
एक बार जब सहकर्मी की समीक्षा हो जाती है और हमें पूरा प्रकाशन मिल जाता है, तो इस आंकड़े पर राष्ट्रीय कार्य बल और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निगरानी समूह द्वारा फिर से विचार किया जाएगा, फिर एक निर्णय लिया जाएगा यदि हम इसे जारी रखें. भारत ने 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 25 जिलों में 39 अस्पतालों में 464 रोगियों पर यादृच्छिक परीक्षण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान दिया है. यह दिखाया है कि यह मृत्यु दर को कम नहीं करता है या मध्यम से गंभीर बीमारी को रोकता है. अमेरिका और यूरोप के देशों में एक कोरोना के सबसे अधिक मामले थे. फिर वे नीचे आए और वहां एक दूसरी लहर उत्पन्न हुई. हमने उससे सीख ली. हमने वक्र को इस तरह से वितरित किया कि हमारे यहां कई मौतें नहीं हुईं. ऐसा इसलिए था क्योंकि हमारे पास एक प्रभावी लॉकडाउन था.
Source : News Nation Bureau