विदेशमंत्री सुषमा स्वाराज ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को दू टूक जवाब देते हुए कहा है कि भारत ने पेरिस पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किसी लालच या दबाव में नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते में अमेरिका रहे या नहीं रहे हम पेरिस समझौते में रहेंगे।
जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते से अमेरिका के बाहर हो गया है और साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान दिया था कि इस समझौते से भारत और चीन को फायदा हो रहा है।
इस संबंध में पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, 'भारत ने पेरिस समझौते पर किसी दबाव या लालच में हस्ताक्षर नहीं किया है। हमने अपनी परंपरा और प्रकृति के साथ रहने की 5000 साल पुरानी परंपरा के तहत हस्ताक्षर किया है। किसी का ये कहना कि दबाव या लालच में हमने समझौता किया है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण और आधारहीन है...... इस समझौते में अमेरिका रहे या न रहे भारत इसमें रहेगा।'
उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि पर्यावरण की रक्षा हमारी पुरानी संस्कृति है। गांव में लोग नदी की पूजा करते हैं, पेड़ की भी पूजा करते हैं।
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इधर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निकी हेली ने कहा है, 'भारत, फ्रांस औऱ तीन को अमेरिका को ये सलाह देने की ज़रूरत नहीं है कि पेरिस समझौते के बारे में उसे क्या करना चाहिये।'
सुषमा स्वराज ने ट्रंप प्रशासन के आने के बाद भारत के साथ संबंधों की तारीफ की और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अब भी वैसे ही आगे बड़ रहे हैं जैसा कि बराक ओबामा के दौर में था।
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उन्होंने कहा कि इन एचवन वीजा के नियमों में अभी तक बदलाव नहीं हुआ है, हालांकि चिंता है कि यह नियम बदल सकते हैं। लेकिन मैं देश के लोगों को आश्वस्त रहना चाहिये कि सरकार ट्रंप प्रशासन और कांग्रेस से संपर्क में है। हमारी कोशिश है कि किसी भी ऐसे तरह के नए नियम ना आएं जिससे कि भारतीयों को परेशानी हो।
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Source : News Nation Bureau