भारत-बांग्लादेश सीमा के पास त्रिपुरा के सीमांत इलाके में पिछले 4 दिनों से फंसे 31 रोहिंग्याओं को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. बीएसएफ कुछ दिनों से इन रोहिंग्या मुसलमानों को मानवीय आधार पर खाद्य सामग्री मुहैया करा रहा है. गिरफ्तार किए गए लोगों में 6 पुरुष, 9 महिलाएं और 16 बच्चे शामिल हैं.
उप-विभागीय पुलिस अधिकारी अजय दास ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद यहां 31 लोग अब न्यायिक हिरासत में होंगे. दास ने कहा, 'हमने पासपोर्ट अधिनियम के तहत उनके विरुद्ध एक मामला दर्ज करवाया है, बच्चे समेत उन्हें बालगृह में रखा जाएगा.'
त्रिपुरा सीमा पर फंसे रोहिंग्या शरणार्थियों पर सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'सरकार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर जीरो लाइन के पास 31 लोगों की मौजूदगी के बारे जानकारी है जो म्यांमार के रखाइन प्रांत के हैं.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उनके कागजात और दावों की जांच पड़ताल की जा रही है और सीमा पर तैनात जवानों द्वारा आवश्यक भोजन, सामान और रहने का जगह उन्हें दिया जा रहा है.
कुमार ने कहा, 'कुछ लोगों को बांग्लादेश की तरफ भेजे जाने वाले मीडिया रिपोर्ट्स की जानकारी सरकार को है. इस तरह की गतिविधि में सरकार शामिल नहीं है. हम अपने पड़ोसी के साथ परस्पर बातचीत के जरिये ऐसे मामलों पर काम करेंगे.'
गिरफ्तार किए गए रोहिंग्या मुसलमानों को अगरतला के अमताली पुलिस स्टेशन में सौंपा गया है. इससे पहले बीएसएफ के उप महानिरीक्षक ब्रजेश कुमार ने कहा था कि 31 रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर बीएसएफ के सेक्टर कमांडर्स और बीजीबी (बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश) के बीच एक बैठक होगी. इस बीच सोमवार रात त्रिपुरा-असम सीमा पर 30 और रोहिंग्याओं को हिरासत में लिया गया.
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कुमार ने कहा था कि इसे लेकर बीएसएफ और बीजीबी के नोडल अधिकारियों के बीच दो बैठकें हो चुकी है, लेकिन मामला अभी तक सुलझा नहीं है. लेकिन बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं को वापस लेने से मना कर दिया था. उनके अनुसार, रोहिंग्या मुसलमान अगरतला से 20 किलोमीटर दूर रायेरमुरा में भारत-बांग्लादेश के बाड़ (फेंसिंग) के पीछे रह रहे हैं.
वहीं बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बीजीबी कमांडिंग ऑफिसर ने आरोप लगाया था कि बीएसएफ जवान रोहिंग्याओं को बांग्लादेश की क्षेत्र में धकेल रहे हैं. बीएसएफ ने हालांकि बयान जारी कर शनिवार को ही बीजीबी के इस दावे का कड़ाई से खंडन किया था.
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बीएसएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि बीते एक साल में नौकरी और स्थायी कामों की तलाश में बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा और कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में 62 रोहिंग्या मुसलमान आए थे. हालांकि इन्हें कानूनी और सुरक्षा औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद वापस भेज दिया गया था.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
Source : News Nation Bureau