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सीबीआई 'त्रिशूल' ऑपरेशन चला बीते एक साल में भारत वापस लाई 33 भगोड़े

इस ऑपरेशन के तहत प्रत्यर्पण की श्रृंखला में नवीनतम मोहम्मद हनीफा मक्कत नाम का एक संदिग्ध शामिल है, जो केरल पुलिस द्वारा अपहरण और हत्या के एक सनसनीखेज मामले में वांछित था.

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Nihar Saxena
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Trishul

2023 में भी हर महीने औसतन दो भगोड़े लाए जा चुके भारत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

सीबीआई (CBI) ने इंटरपोल के साथ मिलकर पिछले एक साल में 33 भगोड़ों को प्रत्यर्पित किया है. यह एक विशेष ऑपरेशन के हिस्से के रूप में हुआ है, जिसका कोडनेम 'त्रिशूल' है. इसका उद्देश्य देश से भागे (Fugitive) अपराधियों के छिपे रहने वाले देश का पता लगाना और फिर उन्हें वापस लाना है. त्रिशूल के तहत 27 संदिग्धों को 2022 में प्रत्यर्पित किया गया था. इस साल यानी 2023 में भी औसतन हर महीने दो संदिग्धों का प्रत्यर्पण किया गया है. पहली तिमाही में यह संख्या पहले से ही छह को छू रही है. ऑपरेशन पिछले साल एक इंटरपोल (Interpol) सम्मेलन के बाद तेज हो गया था, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भगोड़ों को खोजने में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था.

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रविवार को सऊदी से लाया गया मक्कत

इस ऑपरेशन के तहत प्रत्यर्पण की श्रृंखला में नवीनतम मोहम्मद हनीफा मक्कत नाम का एक संदिग्ध शामिल है, जो केरल पुलिस द्वारा अपहरण और हत्या के एक सनसनीखेज मामले में वांछित था. सूत्रों ने पुष्टि की कि उसे रविवार को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किया गया था. मक्कत के खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी था. वह 2006 में एक व्यक्ति की हत्या के लिए कोझिकोड में पुलिस द्वारा वांछित था. वह कथित तौर पर हत्या के बाद विदेश भाग गया था और 17 साल बाद कानून ने उसे पकड़ लिया. इंटरपोल के रेड नोटिस के आधार पर कई महीनों की निगरानी और सूचना नेटवर्क के उपयोग के बाद उसकी उपस्थिति सऊदी अरब में मिली. इंटरपोल-सऊदी अरब ने विषय का पता लगाने के बाद केरल पुलिस को सतर्क किया और उसे भारत वापस लाने के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध किया था.

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यह है ऑपरेशन त्रिशूल

एक अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन 'त्रिशूल' के तहत सीबीआई इंटरपोल चैनलों की मदद से अपराधियों का पता लगाती है और फिर उनके निर्वासन या प्रत्यर्पण की मांग करती है. इस ऑपरेशन के तहत न केवल संदिग्धों का पता लगाना शामिल है, बल्कि उनकी वित्तीय अपराधों की आय का पता लगाना भी शामिल है. सूत्रों ने बताया कि इस ऑपरेशन में इंटरपोल के स्टार ग्लोबल फोकल प्वाइंट नेटवर्क का उपयोग कर अपराध की आय के स्रोत की पहचान की जाती है. ऑपरेशन का उद्देश्य उनके समर्थक नेटवर्क को खत्म करना और शेल कंपनियों, धोखाधड़ी लेनदेन और विश्व स्तर पर सह-आरोपियों की आपराधिक खुफिया जानकारी पता करना शामिल है, ताकि संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उनके घरेलू कानूनी ढांचे के अनुसार उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सूचित किया जा सके. इसके लिए सीबीआई दूसरे देशों की पुलिस के साथ भी परस्पर समन्वय से काम करती है.

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HIGHLIGHTS

  • पीएम मोदी और अमित शाह की मीटिंग के बात तेज हुआ ऑपरेशन त्रिशूल
  • प्रत्यर्पण की श्रृंखला में मोहम्मद हनीफा मक्कत नाम का एक संदिग्ध शामिल
  • 2023 में भी औसतन हर महीने दो संदिग्धों का प्रत्यर्पण किया गया है 
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